धर्म क्यों जलाता है.. विएयना में घटना हुई...दलित के गुरू को उच्च जाति के लोगों ने मार दिया ।खबर फैली, हिन्दुस्तान पंहुच,.फिर पहुच गई पंजाब..और एक बार फिर जला पंजाब का कस्बा कस्बा... गुरू की मौत से उनके समर्थक भड़क गए..इतने रोश में आए कि गुरू का पढाया सारा पाठ भूल गए.. शांति का पाठ जिसने उम्र भर पढ़ाया उसी की मौत में खूनी हवा चल पड़ी। कुछ सवाल मन को कुरेद रहे है ..अपने भारत की ज़मीन पर मैने न जाने कितनी बार धर्म के नाम पर खून की नदी बहती देखी है. मेरा भारत जब भी तरक्की के कुछ कदम चलने की कोशिश करता है ,थोड़ा संभलता है ..अपने देश के असली गरीब और दलित को संभालने की कोशिश करता है ..तभी न जाने कहां से धर्म की आग उड़ती हुई उसकी छाती को जलाने लगती है और मेरा देश रूक जाता है सहम जाता है..खौफ के साये में फिर जीने लगता है ...और दुनिया की दौड़ में पीछे छूट जाता है । न जाने क्यों इस देश में रहने वालों को गुरू और पीरों की ज़रूरत पडती है..जब भगवान और अल्लाह कहता है कि ऐ बंदों मुझसे मांगो मुझसे कहो ..फिर ये गुरू कहा से आ जाते है .जो भगवान के बराबर का दर्जा पा जाते ..मेरे देश के मासूम लोग उनके कहने प