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Showing posts from October, 2012

centum learning(film theatre artiste of india)

Film on centum learning ….. Format : anchor A/Vs Scene -1 montage ( visual with audio mera kal banaegag behtar with visuas of centum learning centre board , teaching , mobile officer , various shots of film) scene -2 ( anchor entry shots of village static camera he come in front of camera ) anchor – कैसे हैं भई आप सब . ( घ्यान से कैमरे के तरफ देखते हुए ) ऊं... .. उदास लग रहे हैं ,चहेरे पर मायूसी ,दुख और ग़म... ( कान को इस तरह की कुछ सुनने कि कोशिश...) क्या कहा बेरोज़गारी और तंग हाल में कैसे खुश रहेगे .. ओ .... ( कुछ सोचते हुए) .. चलो आज आपकी सारी समस्याओं का The end कर दें क्या चाहत है आपकी ..अपने परिवार के लिए कुछ करने की , नौकरी करने की , पैसा कमाने की .. कोई ट्रेनिंग कर ली जाए ,जिससे काम मिल जाए ..और जीवन खुशहाल हो जाए ऐसा सोचते हैं.. .. पर ट्रेनिंग के लिए पैसे कहां से आये ... कहीं से पैसों का जुगाड़ कर के ट्रेनिंग कर भी ली जाए ..तो नौकरी को कहां तलाश किया जाए.. चारो तरफ ठग बैठ है..ऐसे कई सवाल आपके दिमाग में घूम रहे होगें.....(ज़ोर देते हुए होंटों को दबाते हुए) अगर कुछ ऐ

रोटी और किसान(नाटक theatre artiste of india)

credit card and insurance ... बाबा का क्रेडिट और बीमा... ( एक गांव खामोश बियाबा-....खाली मंच......पीछे गाने की आवाज़.. गाना जब आदमी के पेट मेंआती हैं रोटियां फूली नहीं बदन में समाती हैं रोटियां ... जितने मज़े हैं सब दिखाती हैं रोटियां जब आदमी के पेट में आती हैं रोटियां दर्द दर्द नहीं रहता है बना जाता है दवा जब ज़िन्दगी का मतलब समझाती है ये रोटियां.... बाबा और चेले का प्रवेश ... चेला - बाबा ये हम किस गांव में आ गये ,इतनी मायूसी ..इतनी उदासी ,कौन सी जगह है ये .... बाबा- इस उदासी ,इस मायूसी को दूर करने के लिए तो हम आये... है ( पीछे से रोने की आवाज़ आती है ..दोनो पीछे की तरफ देखते है तभी एक किसान ..दौड़ता हुआ आता है ..और मंच के आगे बैठ जाता है दोनो बाबा चेला उसकी तऱफ देखते हैं...) किसान -- हाय-- हाय हम तो लूट गये बर्बाद हो गये..हाय कुछ न बचा... चेला ( आगे आते हुए उसके कंधे पर हाथ रखता है ) अरे अरे क्या हुआ...क्यों इतने दुखी और निराश हो दोस्त..( किसान कंधे से हाथ झटक देता है और बोलता है ..) किसान -- दोस्त... ( धूरते हुए)हूं.. क्या तुम भी कोई स

किसान और सिकंदर(नाटक theatre artiste of india)

नुक्कड़ नाटक की शैली .. सारे कलाकार एक घेरा बनाते हैं और गीत गाते है... o palanhare, nirgun aur nyare -2, tumare bin hamara kaunon nahee hamaree uljhan suljhao bhagwan, tumare bin hamara kaunon nahee tumhe hamaka ho sambhale, tumhe hamare rakhwale tumare bin hamara kaunon nahee किसान -1..सुनो सुनो भई..अपना भुवन जी भुवन अब तो तीन idiots का बीग इडियट्स बन गया है दूसरा किसान - अच्छा जी अच्छा क्या कर रहा है तीसरा - कहे रहा है सूखे से निपटने का तरीका है उसके पास .. (ज़ोरदार हंसी सब हंसते हैं.. हा हा ..) किसान-1 सूखे का ..हा हा हा हकीम लुकमान जिस का इलाज नहीं कर पाये.. उस सूखे का इलाज भुवन करेगे ..भुवन ... वहा वहा ( हंसते है सब) किसान -1 हमारे ताऊ की आंखों मे मोतिया हो गया .. किसान दो - हमारे मामा का तो जीगर डोल गया किसान तीसरा - सूरज की तपिश से हमारा पूरा खानदान काला हो गया ... किसान1- जॉमीन बंजर हो गई ..खेत पत्थर हो गया... किसान 3- ऐसी भंयर प्राकिृत आपदा से निपटने का तरीका वो जानता है ..कल बच्चा ...क्या मज़ाक है .. भुवन - ये मज़ाक नहीं है

किसान बना करोड़पति (नाटक theatre artiste of india)

करोड़पति किसान... कोरस--सुनो सुनो .. सदानंद बाबू कि किसमत बदल गई किसमत बदल गई रंगत बगल गई रंगत बगल गई सौबत बदल गई रात ही रात दुनिया बदल गई... .. मिश्राजी भीड़ से अरे भई के हो ..क्यों संदानद जी के यहां खुशिया है मंच से -- डाक्टर साहब आओ ऊपर आओ..संदानंद जी जा रहे बच्चन जी मिलने मंच से दूसरा -- करोडपति सिरियल में मिश्राजी - सदानंद ज़रूर जीते गा..हम सब की दुआ है उसके साथ... -कोरस--सुनो सुनो .. सदानंद बाबू कि किसमत बदल गई किसमत बदल गई रंगत बगल गई रंगत बगल गई सौबत बदल गई रात ही रात दुनिया बदल गई... ..सेट में दो कुर्सियां ... अमिताभ बच्चन की एंटरी.. अमिताभ -- देवियों और सजनो कौन किसान बने गा आज इस मंच से करोड़पति आपका इंतज़ार खत्म ..इस हाट सीट पर बैठने आ रहे है सदापुर के किसान संदानद..... ( तालिये के साथ सदानंद की एंटरी ) आज इस हाट सीट में हमारे साथ है सदानंद...सदानंद अपना परिचय दिजिये.. सदांनंद-- शर्माते हुए जी मैं सदानंद ..पिता जी गजानंद बस खेती बाड़ी करता हूं और उसके बारे में ही जानता हूं... अमिताभ तो ठीक है वक्त ज्यादा जयाज़ न करते हुए आ

THEATRE ARTISTE OF INDIA

WE are the leading media and theatre organisation of delhi .We are best in making promotional videos , training videos , corporate films, educational and infotainment film in all format of communication ,whether it is visual ,audio or live performance . We will be please if you give us chance to make promotional or corporate video of your esteem work place. we also want to conduct PERFORMING ARTS WORKSHOP with a motive which focus specially dramatic yoga, extempore speaking arts, creating & developing stories , role of observation, improvisation and relaxation. THEATRE ARTISTE OF INDIA responds to the growing need for a provider that truly understands, creates and executes strategic brand experiences - be it in the realm of ground-events, corporate films or content suited for television programming. At TA, we present clients with world-class services which when combined with our extensive experience, a strong focus in creative strategy and delivery, strength in technical innovatio