पति पत्नी के बीच
.पत्नी सही या पति
काल कोई भी हो पर पति पत्नी के संबधों में मधुरता कम और तनाव ज्यादा रहता है। कल मैं एक क्लब मैं अपने पुराने मित्र के साथ बैठा गुज़रे वक्त का ज़िक्र कर रहा था । तभी उसने मुझ से मेरे विवाहित जीवन के बारे में पुछा ..मैंने चुप रहे कर गर्दन हिला दी ..फिर कुछ देर उधर इधर की बाते होने लगी लेकिन अब मुझे उसकी बातें और याद आया गुज़रा वक्त बुरा लगने लगा था ..उसने मेरे पिता जी के बारे में पुछा कहा क्या मिलने जाते हो ..मैं खामोश हो गया और इधर उधर दिखने लगा ..वो समझ गया उने कहा कि हर ज़िन्दगी मैं कुछ ऐसे ही सवाल होते हैं..जिसके जवाब देते वक्त इसान अपनी गर्दन घुमाने लगता है ...बात को टालने लगता है ...सब के साथ ऐसा ही होता ...
मैंने कहा हां ... कुछ शायद खामोश रहे कर अपना रिशता बचा रहे हैं कुछ बोल कर रिशते को आखिरी मुकाम तक ले गए हैं..
चार साल पहले मेरे एक दोस्त ने प्रेम विवाह किया उनके एक साल का लड़का भी है ..शादी के कुछ महिने मां-बाप बेटा बहू साथ रहे ..पर फिर वो ही होना शुरू हो गया जो हमेशा से होता आया है ...बात बात में झगडा लडाई.. लड़का और बहू अलग हो गए इस उम्मीद के साथ कि अब की बारी सब ठीक हो जाएगा ..पर ठीक कुछ न हुआ बात और बिगड़ती गई..और आज बात तलाक तक आ गई..दोनो अलग रहे हैं..
उधर मुबंई मैं मेरा एक दोस्त सात साल तक एक बार गर्ल से मिलता रहा ..एक बहुत अमीर परिवार का लड़का है ... सात साल के बाद उसने उस डांस बार कीं लड़की से शादी की..... गिने चुने उन लोगों को बुलाया... जो कोई सवाल न करे .. आप को जानकर हैरानी होगी उस डास बार की लड़की की पहले शादी भी हो चुकी और एक लड़की भी है.. फिर भी उसने शादी की औऱ आज भी वो साथ रहे हैं.. बिना किसी तनाव के ..
तो क्या ये अर्थ निकाला जाए कि रिशते ही तनाव पैदा करते हैं.. जो रिशता एक दूसरे की डोर से जुड़ा होता वो ही टूटता है ..या जिसने ज़िन्दगी को जाना नही होता हकीकत को समझा नहीं होता है वो ही रिश्तों को तोड़ने के लिए आमादा रहते हैं.. और जिसे रिश्तों का अहसास होता वो कभी रिश्ता तोड़ने के बारे मै नहीं सोच सकता है.।।।
हर की ज़िन्दगी में ऐसा वक्त आता है हम को लगने लगता है हमारी ज़िन्दगी इस आदमी या औरत ने बर्बाद कर दी ...पर दोस्त ये बस कुछ वक्त का मलाल होता है ..इस मलाल को मिटा दो खत्म कर । दो दुनिया को देखो, लोग रिश्ता जोड़ने के लिए और एक रिशते को निभाने के लिए क्या क्या करते हैं ।.
लड़ाई झगडे तो होते रहते हैं.. और होते रहेगे.. इस से तो संबध को और मज़बूत होना चाहिए....कमज़ोर नही........पत्नी सही या पति इस पर तो बहस होती रहेगी...
काल कोई भी हो पर पति पत्नी के संबधों में मधुरता कम और तनाव ज्यादा रहता है। कल मैं एक क्लब मैं अपने पुराने मित्र के साथ बैठा गुज़रे वक्त का ज़िक्र कर रहा था । तभी उसने मुझ से मेरे विवाहित जीवन के बारे में पुछा ..मैंने चुप रहे कर गर्दन हिला दी ..फिर कुछ देर उधर इधर की बाते होने लगी लेकिन अब मुझे उसकी बातें और याद आया गुज़रा वक्त बुरा लगने लगा था ..उसने मेरे पिता जी के बारे में पुछा कहा क्या मिलने जाते हो ..मैं खामोश हो गया और इधर उधर दिखने लगा ..वो समझ गया उने कहा कि हर ज़िन्दगी मैं कुछ ऐसे ही सवाल होते हैं..जिसके जवाब देते वक्त इसान अपनी गर्दन घुमाने लगता है ...बात को टालने लगता है ...सब के साथ ऐसा ही होता ...
मैंने कहा हां ... कुछ शायद खामोश रहे कर अपना रिशता बचा रहे हैं कुछ बोल कर रिशते को आखिरी मुकाम तक ले गए हैं..
चार साल पहले मेरे एक दोस्त ने प्रेम विवाह किया उनके एक साल का लड़का भी है ..शादी के कुछ महिने मां-बाप बेटा बहू साथ रहे ..पर फिर वो ही होना शुरू हो गया जो हमेशा से होता आया है ...बात बात में झगडा लडाई.. लड़का और बहू अलग हो गए इस उम्मीद के साथ कि अब की बारी सब ठीक हो जाएगा ..पर ठीक कुछ न हुआ बात और बिगड़ती गई..और आज बात तलाक तक आ गई..दोनो अलग रहे हैं..
उधर मुबंई मैं मेरा एक दोस्त सात साल तक एक बार गर्ल से मिलता रहा ..एक बहुत अमीर परिवार का लड़का है ... सात साल के बाद उसने उस डांस बार कीं लड़की से शादी की..... गिने चुने उन लोगों को बुलाया... जो कोई सवाल न करे .. आप को जानकर हैरानी होगी उस डास बार की लड़की की पहले शादी भी हो चुकी और एक लड़की भी है.. फिर भी उसने शादी की औऱ आज भी वो साथ रहे हैं.. बिना किसी तनाव के ..
तो क्या ये अर्थ निकाला जाए कि रिशते ही तनाव पैदा करते हैं.. जो रिशता एक दूसरे की डोर से जुड़ा होता वो ही टूटता है ..या जिसने ज़िन्दगी को जाना नही होता हकीकत को समझा नहीं होता है वो ही रिश्तों को तोड़ने के लिए आमादा रहते हैं.. और जिसे रिश्तों का अहसास होता वो कभी रिश्ता तोड़ने के बारे मै नहीं सोच सकता है.।।।
हर की ज़िन्दगी में ऐसा वक्त आता है हम को लगने लगता है हमारी ज़िन्दगी इस आदमी या औरत ने बर्बाद कर दी ...पर दोस्त ये बस कुछ वक्त का मलाल होता है ..इस मलाल को मिटा दो खत्म कर । दो दुनिया को देखो, लोग रिश्ता जोड़ने के लिए और एक रिशते को निभाने के लिए क्या क्या करते हैं ।.
लड़ाई झगडे तो होते रहते हैं.. और होते रहेगे.. इस से तो संबध को और मज़बूत होना चाहिए....कमज़ोर नही........पत्नी सही या पति इस पर तो बहस होती रहेगी...
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