छछुंदर के सर पर चमेली का तेल
छछुंदर के सर पर चमेली का तेल
हालत देश की हुई बुरी
ग़रीबी मंहगाई खूब बढ़ी।।
चर्चा हो गया ये आम
मेहनत का मिलता नहीं कोई दाम ।।
चापलूसों ने किया देश का बंटाधार
निकम्मो के सिर पर पहना कर ताज।।
समझ में नहीं आता ये सारा खेल
क्यों लगता है हमेशा
छछुंदर के सर पर चमेली का तेल।।
हालत देश की हुई बुरी
ग़रीबी मंहगाई खूब बढ़ी।।
चर्चा हो गया ये आम
मेहनत का मिलता नहीं कोई दाम ।।
चापलूसों ने किया देश का बंटाधार
निकम्मो के सिर पर पहना कर ताज।।
समझ में नहीं आता ये सारा खेल
क्यों लगता है हमेशा
छछुंदर के सर पर चमेली का तेल।।
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