बिन नाम के लोग
बिन नाम के लोग
(news production crew)
पर्दा और पर्दे पर दिखने वाले लोगों और उनको पर्दे पर लाने वाले लोगों के बारे में जाने अंजाने सब लोग कुछ न कुछ जान ही जाते हैं । फिल्मी दुनिया के बारे में सब को काफी उत्सुकता होती है इसलिए उनके बारे में लोग पता लगा लेते हैं बहुत लोगों की कमाई सिर्फ उनके बारे में लिखने से होती है इसलिए आये दिन उनके बारे में लिखा ही जाता है ..और दुनिया को उनके बारे में पता चल ही जाता है ।
यही हाल टीवी के मनोरंजन चैनल में काम करने वाले लोगों का होता है उनके नाम से भी ज्यादतर लोग वाकिफ होते हैं । क्योंकि एक लंबा क्रेडीट रोल उन सब लोगो के नाम का वर्णन कर देता है जिन का सहयोग पेश किये कार्यक्रम में होता है । जिसमें आम लोगों को भले ही रूचि न हो पर हां उस क्षेत्र में काम करने वाले लोग उनके काम की प्रशंसा करते है और उनके काम को सराहा जाता है ।
जब बात टीवी के न्यूज़ चैनल की आती है तो लोगों की जुंबा पर स्क्रिन पर दिखने वाले चंद लोग ही होते हैं। रिपोर्टर या कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता को सारा श्रेय चला जाता है ज्यादा से ज्यादा कैमरा मेन का नाम ले लिया जाता है । और इसका सबूत भी ये है कि अबतक किसी न्यूज़ चैनल के आर्वडों मे प्रोडक्शन की कोई कैटेगरी ही नहीं डाली गई है । कारण ये है कि किसी को जानकारी ही नहीं है कि न्यूज़ चैनल में प्रोडक्शन करता क्या है । तबकि हकीक़त ये है कि न्यूज़ चैनल में प्रोडक्शन ही है जो चैनल की रूप रेखा तय करता है और उसे दिशा देता है ।
रिपोर्टर, एंकर और लिखने वाले लोगों के काम को चमक प्रदान करता है । शायद ही लोगों को मालूम हो जिन रिपोर्टरो की रिपोर्टिंग की दुनिया वाह वाही करती है वो असल में कैसे कैसे कार्य और रिपोर्टिंग कर के वापस और स्टोरी को टेप में रिकॉर्ड करके ले लाते हैं .. जिन्हे प्रोडक्शन के लोग उनके लाये हुए शॉटस में अपने अनुभवों से जान डाल देते है बिना किसी श्रेय या पुरस्कार के ।
क्या आप ने कभी ये सोचा है कि हर न्यूज़ चैनल में एक तरह की रिपोर्ट होने के बावजूद वो जो एक दूसरे से अलग दिखता है उसके पीछे प्रोडक्शन का ही हाथ होता है । एक रिपोर्ट किस तरह लोगों तक पहुचनी चाहिए और लोगो पर कैसे इसका प्रभाव पड़ेगा मूयिज़क से लेकर ग्राफिक्स तक रिपोर्टर नहीं बताता ये काम प्रोडक्शन का ही होता यहां तक रिपोर्टर को कहा किस जगह क्या और किस तरह बोलना और चलना है इस का खांचा भी प्रोडक्शन ही तय करता है ।
कोई कार्यक्रम कितने बजे चलना और उसका प्रोमो कैसे बनना है ये काम भी प्रोडक्शन की ही जिम्मेदारी होती रिपोर्टर अपनी स्क्रिप्ट लिखवा कर चल देता है उस रिपोर्ट को फाइनल रूप प्रोडक्शन ही देता है ।
कई चैनल तो केवल प्रोडक्शन के ही दम से चलते हैं और सही में चैनल वो ही चल पा रहा है जिसमें कनटेंट के साथ प्रोडक्शन की जानकारी है चाहे आजतक हो इंडिया टीवी हो या फिर स्टार न्यूज़ । इनको चलाने वालों को शॉटस और शॉटस के ट्रीटमेंट की पूरी जानकारी है शायद आप को लगे न्यूज़ नही है पर कहानी ज़रूर है जिससे लोग उसे देखने के लिए रूक जाते हैं। इसलिए अगर अब कभी आप कोई अच्छा कार्यक्रम देखें तो प्रोडक्शन टीम की भी तारीफ ज़रूर करें।
(news production crew)
पर्दा और पर्दे पर दिखने वाले लोगों और उनको पर्दे पर लाने वाले लोगों के बारे में जाने अंजाने सब लोग कुछ न कुछ जान ही जाते हैं । फिल्मी दुनिया के बारे में सब को काफी उत्सुकता होती है इसलिए उनके बारे में लोग पता लगा लेते हैं बहुत लोगों की कमाई सिर्फ उनके बारे में लिखने से होती है इसलिए आये दिन उनके बारे में लिखा ही जाता है ..और दुनिया को उनके बारे में पता चल ही जाता है ।
यही हाल टीवी के मनोरंजन चैनल में काम करने वाले लोगों का होता है उनके नाम से भी ज्यादतर लोग वाकिफ होते हैं । क्योंकि एक लंबा क्रेडीट रोल उन सब लोगो के नाम का वर्णन कर देता है जिन का सहयोग पेश किये कार्यक्रम में होता है । जिसमें आम लोगों को भले ही रूचि न हो पर हां उस क्षेत्र में काम करने वाले लोग उनके काम की प्रशंसा करते है और उनके काम को सराहा जाता है ।
जब बात टीवी के न्यूज़ चैनल की आती है तो लोगों की जुंबा पर स्क्रिन पर दिखने वाले चंद लोग ही होते हैं। रिपोर्टर या कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता को सारा श्रेय चला जाता है ज्यादा से ज्यादा कैमरा मेन का नाम ले लिया जाता है । और इसका सबूत भी ये है कि अबतक किसी न्यूज़ चैनल के आर्वडों मे प्रोडक्शन की कोई कैटेगरी ही नहीं डाली गई है । कारण ये है कि किसी को जानकारी ही नहीं है कि न्यूज़ चैनल में प्रोडक्शन करता क्या है । तबकि हकीक़त ये है कि न्यूज़ चैनल में प्रोडक्शन ही है जो चैनल की रूप रेखा तय करता है और उसे दिशा देता है ।
रिपोर्टर, एंकर और लिखने वाले लोगों के काम को चमक प्रदान करता है । शायद ही लोगों को मालूम हो जिन रिपोर्टरो की रिपोर्टिंग की दुनिया वाह वाही करती है वो असल में कैसे कैसे कार्य और रिपोर्टिंग कर के वापस और स्टोरी को टेप में रिकॉर्ड करके ले लाते हैं .. जिन्हे प्रोडक्शन के लोग उनके लाये हुए शॉटस में अपने अनुभवों से जान डाल देते है बिना किसी श्रेय या पुरस्कार के ।
क्या आप ने कभी ये सोचा है कि हर न्यूज़ चैनल में एक तरह की रिपोर्ट होने के बावजूद वो जो एक दूसरे से अलग दिखता है उसके पीछे प्रोडक्शन का ही हाथ होता है । एक रिपोर्ट किस तरह लोगों तक पहुचनी चाहिए और लोगो पर कैसे इसका प्रभाव पड़ेगा मूयिज़क से लेकर ग्राफिक्स तक रिपोर्टर नहीं बताता ये काम प्रोडक्शन का ही होता यहां तक रिपोर्टर को कहा किस जगह क्या और किस तरह बोलना और चलना है इस का खांचा भी प्रोडक्शन ही तय करता है ।
कोई कार्यक्रम कितने बजे चलना और उसका प्रोमो कैसे बनना है ये काम भी प्रोडक्शन की ही जिम्मेदारी होती रिपोर्टर अपनी स्क्रिप्ट लिखवा कर चल देता है उस रिपोर्ट को फाइनल रूप प्रोडक्शन ही देता है ।
कई चैनल तो केवल प्रोडक्शन के ही दम से चलते हैं और सही में चैनल वो ही चल पा रहा है जिसमें कनटेंट के साथ प्रोडक्शन की जानकारी है चाहे आजतक हो इंडिया टीवी हो या फिर स्टार न्यूज़ । इनको चलाने वालों को शॉटस और शॉटस के ट्रीटमेंट की पूरी जानकारी है शायद आप को लगे न्यूज़ नही है पर कहानी ज़रूर है जिससे लोग उसे देखने के लिए रूक जाते हैं। इसलिए अगर अब कभी आप कोई अच्छा कार्यक्रम देखें तो प्रोडक्शन टीम की भी तारीफ ज़रूर करें।
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