२४थ feb 2011
24 फरवरी 2011 कहने को सिर्फ तारीख़ लेकिन हर तारीख़ के पीछे एक इतिहास और एक कहानी छुपी होती ।हां ऐसा हो सकता है कि उस तारीख़ से हमारा कोई वास्ता न हो पर हर तारीख किसी न किसी से जुड़ी होती है ..24 फरवरी का भी अपना इतिहास होगा पर वो जो मुझे मालुम नहीं और न मैनें जानने की कोशिश की पर हां आज से ठीक 36 साल पहले यानि 24 फरवरी 1975 को मेरा जन्म हुआ मैं इस दुनिया में आया था ..शायद किसी को कोई मतलब नहीं मेरे साथ कई लोग इस तारीख पर दुनियां में आये होगें..जिन को मैं नहीं जानता और वो मुझे नहीं नहीं जानते ..मेरा एक दोस्त कहता है कि हमें मिलता सबकुछ है पर देर से उस वक्त जिस वक्त उसकी चाहत तो होती है पर उसकी ज़रूरत नहीं .।.
खैर हां 36 साल का लंबा सफर पर जिंदगी अभी भी विचलित ..हां मैं आज ये स्वीकार करता हूं कि मैने अपने बारे में अपनी निजी जिन्दगी के बारे शायद ही कभी सही जानकारी दी हो ... ऊपर से हंसना और अंदर अजीबो गरीब कैफियत से गुज़रना ऊपर से अच्छा बनना अंदर शायद बहुत गंदा ... मेरे एक दोस्त ने एक बार कहा कि तुम, पता नहीं जान कर या अनजाने पन में ऐसा किसी के बारे में बोल देते हो जिसका तुम्हे तो एहसास नहीं होता पर वो व्यक्ति को वो बात बहुत बुरी लगती है ।
बहुत से लोग मुझ से बहुत सी वजह से नाराज़ हुए खफा हुए बहुत से लोगों को मैं बहुत सी वजह से अच्छा लगता हों कई मुझे अच्छा इंसान मानते होगे और कई लोग मुझे खराब इंसान ..पर मुझे लगता है मैं दोहरी ज़िन्दगी जी रहा हूं...उन लोगों की तरह जो शराब पीते भी हैं और शराब की बुराई भी करते हैं भगवान से प्रर्थना भी करते हैं और भगवान के होने की आंशका भी जातते है यानि यकिन भी नहीं करते। वो लोग जो अपनों के साथ शांत रहते है पर सड़क पर किसी पर भी बरस जाते है ...
एक आदमी का शोरूम है मेरे ऑफिस के नीचे बहुत पैसे वाला है पर जब भी दिखता है तो किसी न किसी पर फोन पर चिल्लाता रहता है अमीर होने के बावजूद पैसों के लिए रोता रहता है। मैं अमीर नहीं हूं पर पैसों के लिए गिरगिराना मुझे अच्छा नहीं लगता किसी से पैसे मांगना मुझे बहुत बुरा लगता है अपने दिये हुए उधार पैसे भी मुझसे मांगे नहीं जाते ... पता नहीं शर्म आती हैं या संकोच होता है ..पता नहीं क्या होता है ।
किसी से प्रभावित होना नहीं आता जिसे फैन कहते हैं वो मैं आजतक किसी का नहीं हुआ। बॉस को हमेशा मैं बेवाकूफ समझता हूं..या हमेशा मुझे बेवाकूफ लोगों के साथ ही काम करने को मिला ... पैसा चाहता हूं पर एक जगह से यानि भागदौड़ कर के नहीं ...लिखता कैसा हूं पता नहीं पर लिखने में कुछ करना भी नहीं चाहता ।किताब छपने को पड़ी है तो बस पड़ी है .। मेरी महिलाए दोस्त कहती हैं आप के अंदर एहसास है आप बहुत अच्छी तरह हालात को समझते हो मेरी पत्नी कहती है आपको दुनिया कि समझ है पर मेरे जज्बात की नहीं .. इसी पशोपेश में मैने अपनी आधी जी आधी ज़िन्दगी गुज़ार दी।
अब एक नई ज़िन्दगी मेरी ज़िन्दगी से जुड़ने वाली है ..मैं चाहता हूं कि उसे में सही मार्गदर्शन दूं पर पता नहीं उसकी अपनी ज़िन्दगी होगी और अपनी राह...हां चलते चलते लोग ये भी कहते कि मैं बहुत घमंडी हूं... शायद मेरे हावभाव से ऐसा लगता हो पर मुझे अपने काम पर फर्क ज़रूर हो सकता है पर हां घमंड नहीं क्योंकि मुझे इस चीज़ का एहसास है कि मैने जीवन में अभी कुछ ऐसा नहीं किया जिसपर घमंड किया जाये... 36 साल बहुत होते हैं क्या क्या देखा है और अभी क्या क्या देखना बाकि है .. पर ज़िंदगी जंग है और इसमें जीतना या हारना ही अंत में होता क्योंकि अब मैं समझौता नहीं करूगा... न जाने मेरी और मुझे से जुड़ी ज़िन्दगी के नसीब में क्या लिखा है…?... आने वाले सालों में...।
खैर हां 36 साल का लंबा सफर पर जिंदगी अभी भी विचलित ..हां मैं आज ये स्वीकार करता हूं कि मैने अपने बारे में अपनी निजी जिन्दगी के बारे शायद ही कभी सही जानकारी दी हो ... ऊपर से हंसना और अंदर अजीबो गरीब कैफियत से गुज़रना ऊपर से अच्छा बनना अंदर शायद बहुत गंदा ... मेरे एक दोस्त ने एक बार कहा कि तुम, पता नहीं जान कर या अनजाने पन में ऐसा किसी के बारे में बोल देते हो जिसका तुम्हे तो एहसास नहीं होता पर वो व्यक्ति को वो बात बहुत बुरी लगती है ।
बहुत से लोग मुझ से बहुत सी वजह से नाराज़ हुए खफा हुए बहुत से लोगों को मैं बहुत सी वजह से अच्छा लगता हों कई मुझे अच्छा इंसान मानते होगे और कई लोग मुझे खराब इंसान ..पर मुझे लगता है मैं दोहरी ज़िन्दगी जी रहा हूं...उन लोगों की तरह जो शराब पीते भी हैं और शराब की बुराई भी करते हैं भगवान से प्रर्थना भी करते हैं और भगवान के होने की आंशका भी जातते है यानि यकिन भी नहीं करते। वो लोग जो अपनों के साथ शांत रहते है पर सड़क पर किसी पर भी बरस जाते है ...
एक आदमी का शोरूम है मेरे ऑफिस के नीचे बहुत पैसे वाला है पर जब भी दिखता है तो किसी न किसी पर फोन पर चिल्लाता रहता है अमीर होने के बावजूद पैसों के लिए रोता रहता है। मैं अमीर नहीं हूं पर पैसों के लिए गिरगिराना मुझे अच्छा नहीं लगता किसी से पैसे मांगना मुझे बहुत बुरा लगता है अपने दिये हुए उधार पैसे भी मुझसे मांगे नहीं जाते ... पता नहीं शर्म आती हैं या संकोच होता है ..पता नहीं क्या होता है ।
किसी से प्रभावित होना नहीं आता जिसे फैन कहते हैं वो मैं आजतक किसी का नहीं हुआ। बॉस को हमेशा मैं बेवाकूफ समझता हूं..या हमेशा मुझे बेवाकूफ लोगों के साथ ही काम करने को मिला ... पैसा चाहता हूं पर एक जगह से यानि भागदौड़ कर के नहीं ...लिखता कैसा हूं पता नहीं पर लिखने में कुछ करना भी नहीं चाहता ।किताब छपने को पड़ी है तो बस पड़ी है .। मेरी महिलाए दोस्त कहती हैं आप के अंदर एहसास है आप बहुत अच्छी तरह हालात को समझते हो मेरी पत्नी कहती है आपको दुनिया कि समझ है पर मेरे जज्बात की नहीं .. इसी पशोपेश में मैने अपनी आधी जी आधी ज़िन्दगी गुज़ार दी।
अब एक नई ज़िन्दगी मेरी ज़िन्दगी से जुड़ने वाली है ..मैं चाहता हूं कि उसे में सही मार्गदर्शन दूं पर पता नहीं उसकी अपनी ज़िन्दगी होगी और अपनी राह...हां चलते चलते लोग ये भी कहते कि मैं बहुत घमंडी हूं... शायद मेरे हावभाव से ऐसा लगता हो पर मुझे अपने काम पर फर्क ज़रूर हो सकता है पर हां घमंड नहीं क्योंकि मुझे इस चीज़ का एहसास है कि मैने जीवन में अभी कुछ ऐसा नहीं किया जिसपर घमंड किया जाये... 36 साल बहुत होते हैं क्या क्या देखा है और अभी क्या क्या देखना बाकि है .. पर ज़िंदगी जंग है और इसमें जीतना या हारना ही अंत में होता क्योंकि अब मैं समझौता नहीं करूगा... न जाने मेरी और मुझे से जुड़ी ज़िन्दगी के नसीब में क्या लिखा है…?... आने वाले सालों में...।
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