कितनी अरूणा..

कितनी अरूणा..
यूथोनेशिया कई देशों में लागू है..जैसे अमेरिका में ओरेगॉन ,वाशिंगटन मौंटाना, नीदरलैंड,बेलजियम,लक्ज़बर्ग,सिवटज़रलैंड... भारत की अरूणा नहीं दुनिया में कई अरूणा है जिन्हे मौत का इंतज़ार है . या फिर जिन्हे मौत की मंजूरी मिल चुकी है ।
90 के दशक में अमेरिका के फ्लोरिडा में टेरी शियावो का केस सामने आया ।शियावो को 1990 में हार्ट अटैक आया जिसे उनके दिमाग को काफी नुकसान हुआ और क्षति पहुंची ..करीब 8 साल तक वो मौत के साथ संघर्ष करती रही ...फींडीग ट्यूब के सहारे उन्हे खाना दिया जाता रहा जिसके बाद उनके पति ने उनके लिये मौत की सज़ा की मांग की ।कोर्ट को सात साल लगे इजाज़त देने के लिए .इजाज़त के दो हफ्ते बाद शियावो की मौत हुई।
1975 में अमेरिका में ही 21 साल की कैरेन क्विनलन का केस आया था । 21 साल की उम्र में कैरन दवा और शराब एक साथ लेने की वजह से बेहोश हो गई .उन्हे वेंटिलेटर पर रखा गया ।माता पिता ने कोर्ट से वेंटिलेटर हटाने की इजाज़त मांगी ।कोर्ट ने उनके हक में फैसला दिया । इजाज़त मिलने के बाद भी कैरन 10 साल तक ज़िंदा रही ।
2010 में ही इंग्लैंड में के गिल्डरडेल नाम की एक औरत पर अपनी 31 साल की अपाहिज बेटी की मरने में मदद करने के मामले में केस चला ..पर बाद में कोर्ट ने गिल्डरडेल को माफ कर दिया ...
वैसे दुनिया में बहुत कम मुल्क है जो दया या इच्छा मृत्यु की इजाज़त देते हैं ।।

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