ward231
दिल्ली में एमसीडी चुनाव का ज़ोर है । उम्मीदवारों के चयन के बाद किस उम्मीदवार में कितना दम है अब हर जगह उसकी चर्चा होनी शुरू होगी है । जहां बड़ी दो पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी अपने बागियों से परेशान नज़र आ रही हैं ।वहीं बहुजनसमाज पार्टी ख़ामोशी ने सही पढ़े लिखे , क्षेत्र के अच्छे छवि वाले लोगों को प्रतियाक्षी बनाकर बीजेपी और कांग्रेस की नींद उड़ा दी है ।
ऐसा ही एक बेहतरीन कार्ड बीएसपी ने पूर्वी दिल्ली के वार्ड 231 में चला है । जहां क्षेत्र के ईमानदार नेक औऱ साफ सुथरी छवि वाले मास्टरजी एम आई नकवी की पुत्री सहेबा नकवी को टिकट दिया है । मास्टर साहब का पूरा जीवन अपने क्षेत्र के ग़रीब बच्चों को पढ़ाने में गुज़रा वो आसपास के कई सरकारी स्कूल जैसे चंद्रनगर रानीगार्डन में इंगलिश के पीजीटी रहे और प्रिंसिपल के पद से रिटार्यड हुए । इसलिए वार्ड 231 क्षेत्र के हिंदू, मुस्लमान , दलित सब उनका काफी सम्मान करते हैं। हमारी क्षेत्र के डॉ संतोश दीक्षत से बात हुई तो उन्होने कहा पहली बार कोई पढ़ा लिखा ईमानदार उम्मीदवार इस क्षेत्र में दिखा है । वही क्षेत्र के बुज़र्ग मतदाता डॉ इकबाल और शिक्षक कमाल हैदर, सहेबा नकवी के चुनाव लड़ने से क्षेत्र की औरतों में शिक्षा और जागरूकता आने की बात कहते हुए सहेबा नकवी की जीत का भरोसा दे रहे है । पिता और पुत्री के समाजसेवा के कार्य़ो की बदौलत इस बार वार्ड 231 में जन सैलाब सहेबा नकवी बहुजन समाज पार्टी की तरफ ही दिख रहा है ।
सहेबा नकवी खुद एक अध्यापिका है चार भाई बहनो में सब से बड़ी है । एक बहन उनकी टैकस्टाइल डिज़ानियर है दूसरी टीजीटी और भाई भाभी प्रसीद्ध न्यूज़ चैनलों में उंचे पद पर कार्य कर रहे है। सहेबा नकवी की प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के प्रसीद्ध स्कूल प्रेसंटेशन कानवेंट से हुई फिर उन्होने सरकारी कन्या विधालय गांधीनगर और लक्षमी नगर से आगे की पढ़ाई पूरी की और फिर एनटीटी कर के अध्यापिका की नौकरी में लग गई । शांत स्भाव की सहेबा नकवी ख़ाली समय में ग़रीब बच्चों को पढाना और औरतों को अधिकार दिलाने में वो हमेशा आगे रहती है। इसलिए वो क्षेत्र में मज़लूमो की मदर टरेसा भी कहलाती हैं। उनकी दो पुत्रियां है जो दिल्ली के तिलक मार्ग स्थित माटर डे कानवेंट स्कूल में 12वीं और 10वीं की छात्रा है । सहेबा नकवी को टिकट जैसे ही घोषित हुआ और जब वो अपने क्षेत्र में पहुंची तो उनके मुरीदों ने उन्हे घेर लिया .. उनके क्षेत्र के लोगों की आंखों में खुशी के आंसू दिखे और उम्मीदों का भरोसा सब ने कहा अब सही उम्मीदवार आया है जिसकी हमें तलाश थी । यहीं नही कुछ लोग तो उन्हे अभी से पार्षद कहे कर संबोधित भी करने लगे हैं।
ऐसा ही एक बेहतरीन कार्ड बीएसपी ने पूर्वी दिल्ली के वार्ड 231 में चला है । जहां क्षेत्र के ईमानदार नेक औऱ साफ सुथरी छवि वाले मास्टरजी एम आई नकवी की पुत्री सहेबा नकवी को टिकट दिया है । मास्टर साहब का पूरा जीवन अपने क्षेत्र के ग़रीब बच्चों को पढ़ाने में गुज़रा वो आसपास के कई सरकारी स्कूल जैसे चंद्रनगर रानीगार्डन में इंगलिश के पीजीटी रहे और प्रिंसिपल के पद से रिटार्यड हुए । इसलिए वार्ड 231 क्षेत्र के हिंदू, मुस्लमान , दलित सब उनका काफी सम्मान करते हैं। हमारी क्षेत्र के डॉ संतोश दीक्षत से बात हुई तो उन्होने कहा पहली बार कोई पढ़ा लिखा ईमानदार उम्मीदवार इस क्षेत्र में दिखा है । वही क्षेत्र के बुज़र्ग मतदाता डॉ इकबाल और शिक्षक कमाल हैदर, सहेबा नकवी के चुनाव लड़ने से क्षेत्र की औरतों में शिक्षा और जागरूकता आने की बात कहते हुए सहेबा नकवी की जीत का भरोसा दे रहे है । पिता और पुत्री के समाजसेवा के कार्य़ो की बदौलत इस बार वार्ड 231 में जन सैलाब सहेबा नकवी बहुजन समाज पार्टी की तरफ ही दिख रहा है ।
सहेबा नकवी खुद एक अध्यापिका है चार भाई बहनो में सब से बड़ी है । एक बहन उनकी टैकस्टाइल डिज़ानियर है दूसरी टीजीटी और भाई भाभी प्रसीद्ध न्यूज़ चैनलों में उंचे पद पर कार्य कर रहे है। सहेबा नकवी की प्राथमिक शिक्षा दिल्ली के प्रसीद्ध स्कूल प्रेसंटेशन कानवेंट से हुई फिर उन्होने सरकारी कन्या विधालय गांधीनगर और लक्षमी नगर से आगे की पढ़ाई पूरी की और फिर एनटीटी कर के अध्यापिका की नौकरी में लग गई । शांत स्भाव की सहेबा नकवी ख़ाली समय में ग़रीब बच्चों को पढाना और औरतों को अधिकार दिलाने में वो हमेशा आगे रहती है। इसलिए वो क्षेत्र में मज़लूमो की मदर टरेसा भी कहलाती हैं। उनकी दो पुत्रियां है जो दिल्ली के तिलक मार्ग स्थित माटर डे कानवेंट स्कूल में 12वीं और 10वीं की छात्रा है । सहेबा नकवी को टिकट जैसे ही घोषित हुआ और जब वो अपने क्षेत्र में पहुंची तो उनके मुरीदों ने उन्हे घेर लिया .. उनके क्षेत्र के लोगों की आंखों में खुशी के आंसू दिखे और उम्मीदों का भरोसा सब ने कहा अब सही उम्मीदवार आया है जिसकी हमें तलाश थी । यहीं नही कुछ लोग तो उन्हे अभी से पार्षद कहे कर संबोधित भी करने लगे हैं।
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