this saturday

लो शनिवार है हम तैयार है

शुक्रवार की शाम से विनिता काम मे लग गई इस बार न जाने शनिवार को कहां बंब फटे। पिछली बार काफी बातें सुनने को मिली थी कि यार तुम ये कर देती शॉटस कुछ ज्यादा बड़े बनवा देती पीछे आने वाली एंम्बियंस को उठा देती ।इस बार कोई चूक नहीं होगी नई नौकरी है अपने को प्रुफ करने का आतंकवादियों ने सही मौका दिया है । उसने तैयारी पूरी कर ली थी उसने पता लगा लिया है शनिवार को कौन कौन से रिपोर्टर की शिफ्ट लगी है और कौन से एंकर आफिस के पास रहते हैं। उसे योगेश का बोलने का तरीका, शब्दों के उच्चारण से काफी अपत्ति थी सोचा की उसे बदलवा दूं फिर मन ने कहा क्यो किसी विवाद में पड़ना है वैसे भी हिन्दी चैनलों में किस की भाषा सही है पर एक बात माननी होगी कि योगेश बाइट सब से पहले लेकर आता है टीवी में तो जो दिखता है वो ही बिकता है । ज्यादातर ब्लास्ट के वक्त विसुवल आने मे देर लगती है इसलिये ग्राफिक्स की भूमिका काफी बड़ जाती है । अगर ग्राफिक्स दमदार हुये तो दर्शक आप के चैनल पर थोड़ी ज्यादा देर टिके रहेगे।
इस बार अनिमेतद ग्राफिक्स बनवाये गी बस एसे की उस पर ब्लास्ट की जगह लिख दी जाये दिल्ली हो, बनारस हो, जयपुर, इस्लामाबाद या फिर ग्लासगो सब में चल जायेगा । ब्रेकिग न्यूज़ के वक्त आप के पास कितनी ज्यादा जानकारी है इसका काफी महत्व पड़ता है जैसे ब्लास्ट मे मरने वाले लोग , घायलों की संख्या, किस अस्पताल में भर्ति कराया गया इसके बाद ब्लास्ट का तरीका किस संगठान का हाथ पुलिस कमिशनर और गृहमंत्री के ब्यान प्रधानंमंत्री ,मुख्यमंत्री ,विपक्ष के नेता का दौरा कुछ बात और फिर बात से विवाद बाद में विवाद का विस्तार और फिर पूरा देश हुआ शर्मसार ये सब इस बार इसने बनवा कर रख लिया था क्योकि वो समझ गयी थी इससे बाहर और कुछ नहीं है ये उसके सिनियर शुशांत जो पिछले काफी सालो से धमाके देख रहा है उसने बताया था ।सांउड इफैक्ट और म्युज़िक पर ज्यादा ध्यान देना होगा । ऐसी आवाज़ कि बाहर गुज़रने वाला आदमी एक बार तो रुक कर ख़बर पर रूख़ कर ही दे । विनिता को जो बात खटक रही है वो कल डेस्क पर असग़र और अमर की मौजूदगी दोनो लिखते तो अच्छा हैं पर सोचते एकदम जुदा है। उसने सुना है कि पत्रकार का कोई धर्म नहीं होता पर सुनी हुई बात पर कोई कैसे विश्वास करे.... खैर छोड़िये
इस बार बंब की पूरी तैयारी है तो आने दिजिये शनिवार हम हैं तैयार.....

Comments

हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.

मेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.

हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.

शुभाशिष !

-- शास्त्री (www.Sarathi.info)
एक अनुरोध -- कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन का झंझट हटा दें. इससे आप जितना सोचते हैं उतना फायदा नहीं होता है, बल्कि समर्पित पाठकों/टिप्पणीकारों को अनावश्यक परेशानी होती है. हिन्दी के वरिष्ठ चिट्ठाकारों में कोई भी वर्ड वेरिफिकेशन का प्रयोग नहीं करता है, जो इस बात का सूचक है कि यह एक जरूरी बात नहीं है.

वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिये निम्न कार्य करें: ब्लागस्पाट के अंदर जाकर --

Dahboard --> Setting --> Comments -->Show word verification for comments?

Select "No" and save!!

बस हो गया काम !!
कृपया ऐसे आलेखों को कम से कम 5 से 6 पेराग्राफ में बांट दे -- पठनीयता चौगुनी हो जायगी!!
shan said…
thanks i will do
शोभा said…
बहुत सुंदर लिखा है. बधाई स्वीकार करें
नए चिट्ठे के लिए हार्दिक बधाई........बहुत ही अच्छा लिखते हैं.....धन्यवाद।
पैना व्यंग सार्थक आलेख . आपका चिठ्ठा जगत में स्वागत है निरंतरता की चाहत है .. मेरा आमंत्रण स्वीकारें मेरे चिट्ठे पर भी पधारें

Popular posts from this blog

woh subhah kab ayaegi (THEATRE ARTISTE OF INDIA)

मुख्यमंत्री की बहू बनी कातिल....