अच्छा हुआ … जो पिटे....
अच्छा हुआ … जो पिटे....
बिहार जाने वाली या बिहार से गुज़र के जो ट्रेन जाने वाली थी सब को रद्द कर दिया गया....। स्टेशन में भीड़, लोग बेहाल परेशान, कहां जायें, कैसे पहुचें कुछ पता नहीं .... रमेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ट्रेनें क्यों नहीं चल रही ... उसने झुंझलाते हुये पुछा क्या हुआ ट्रेनों को क्यों नही चलाया जा रहा ....किसी ने बताया अरे भई वहां आंदोलन चल रहा है ट्रक जाम हैं सड़कों पर लोग है सब तरफ अफरातफरी है ...दुकाने जलाई जा रही है सरकारी संपत्ति का नुकसान किया जा रहा है ... बहुत ज़बरदस्त आंदोलन है .....25 तारीख़ को पूरा बिहार बंद होगा ...
रमेश ने पुछा क्यों भई क्यों ... लोगो ने कहा अरे तुम कहा से आये हो, देश में कितना कुछ हो गया और तुम कहते हो क्यों ... राज .... राज ठाकरे के लोगों ने महाराष्ट्र में परीक्षा देने गये, बिहार के छात्रों को मार-मार कर भागया, बहुत पीटा ...उसी के विरोध में ये सब हो रहा है ...
रमेश के लिये ये सब नया था ... उसने कहा, पर अगर ये सब मुंबई में हुआ, वहां के लोगो ने किया तो उसका विरोध बिहार में प्रदर्शन कर के अपने ही लोगो की दुकाने जला के ..अपने ही प्रदेश का नुकसान करके कैसा आंदोलन, कैसा बदला ... लोग नाराज़ हो गए, बोले अरे तुम समझे नहीं ...ऐसे ही नेताओं की नींद टूटेगी ...कितनी उम्मीद से इतने सारे अलग अलग पार्टियों के बाशिंदों को संसद भेजा है हमने ...उनका कोई फर्ज़ है या नहीं ... बहस गंभीर होती जा रही थी ,,,, पर हर बार नींद तोड़ने के लिये अपना नुकसान करना कहां की समझदारी ... अगर आंदोलन करना है और हिम्मत है , तो क्यों नहीं महाराष्ट्र चले जाते हैं.. ट्रेनों में भर कर, वहां करे आंदोलन, अपने ही राज्य में करने का क्या फायदा ...और इनके मारे पूरा देश क्यों परेशान हो । राज ने किया उसे जेल हुई उसके कार्यकर्ता पकड़े गये .. सब ने निंदा की पर ये जो कर रहे हैं ये कौन सी समझदारी है ... मैं यही कहूगां, पिट के भी नहीं सुधरे बिहारी ... लोग भड़क गये पर दिल्ली था इसलिये रमेश बच कर निकल गया ... पर आंदोलन का मकसद वो समझ नहीं पाया ...
बिहार जाने वाली या बिहार से गुज़र के जो ट्रेन जाने वाली थी सब को रद्द कर दिया गया....। स्टेशन में भीड़, लोग बेहाल परेशान, कहां जायें, कैसे पहुचें कुछ पता नहीं .... रमेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ट्रेनें क्यों नहीं चल रही ... उसने झुंझलाते हुये पुछा क्या हुआ ट्रेनों को क्यों नही चलाया जा रहा ....किसी ने बताया अरे भई वहां आंदोलन चल रहा है ट्रक जाम हैं सड़कों पर लोग है सब तरफ अफरातफरी है ...दुकाने जलाई जा रही है सरकारी संपत्ति का नुकसान किया जा रहा है ... बहुत ज़बरदस्त आंदोलन है .....25 तारीख़ को पूरा बिहार बंद होगा ...
रमेश ने पुछा क्यों भई क्यों ... लोगो ने कहा अरे तुम कहा से आये हो, देश में कितना कुछ हो गया और तुम कहते हो क्यों ... राज .... राज ठाकरे के लोगों ने महाराष्ट्र में परीक्षा देने गये, बिहार के छात्रों को मार-मार कर भागया, बहुत पीटा ...उसी के विरोध में ये सब हो रहा है ...
रमेश के लिये ये सब नया था ... उसने कहा, पर अगर ये सब मुंबई में हुआ, वहां के लोगो ने किया तो उसका विरोध बिहार में प्रदर्शन कर के अपने ही लोगो की दुकाने जला के ..अपने ही प्रदेश का नुकसान करके कैसा आंदोलन, कैसा बदला ... लोग नाराज़ हो गए, बोले अरे तुम समझे नहीं ...ऐसे ही नेताओं की नींद टूटेगी ...कितनी उम्मीद से इतने सारे अलग अलग पार्टियों के बाशिंदों को संसद भेजा है हमने ...उनका कोई फर्ज़ है या नहीं ... बहस गंभीर होती जा रही थी ,,,, पर हर बार नींद तोड़ने के लिये अपना नुकसान करना कहां की समझदारी ... अगर आंदोलन करना है और हिम्मत है , तो क्यों नहीं महाराष्ट्र चले जाते हैं.. ट्रेनों में भर कर, वहां करे आंदोलन, अपने ही राज्य में करने का क्या फायदा ...और इनके मारे पूरा देश क्यों परेशान हो । राज ने किया उसे जेल हुई उसके कार्यकर्ता पकड़े गये .. सब ने निंदा की पर ये जो कर रहे हैं ये कौन सी समझदारी है ... मैं यही कहूगां, पिट के भी नहीं सुधरे बिहारी ... लोग भड़क गये पर दिल्ली था इसलिये रमेश बच कर निकल गया ... पर आंदोलन का मकसद वो समझ नहीं पाया ...
Comments
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
Aaj Bihar hai, kal delhi hoga. :(