..DCP SIR, DELHI TRAFFIC POLICE

...

26 जनवरी आने वाली है औऱ दिल्ली ट्रफिक पुलीस ज़ोर शोर से अपने काम पर लग गई । कुछ करें या न करे पर चलान और चलान के साथ हाथ गर्म कर वाना शुरू हो जाता है ..क्या बडा, क्या बच्चा ,क्या ट्रक , क्या कार और क्या साईकिल सब का चलान होगा क्योंकि इस विभाग में सब का माल बराबर है ..

हवलदार हो या डीसीपी.. जो अभी नये आयें है बंगाली बाबू थोड़ा ज्यादा खाते हैं.. और सब कंपनी के बॉस को अच्छी तरह जानते है ..अपने सिपाही.का पूरा साथ देते हैं ..क्यों न दे आखिर उनका भी तो हिस्सा है ।

आजकल हवलदारों को मोटरसाइकिल मिल गई है सरकार ने दी है ..इस लिये की अगर जी अगर कोई बड़ी घटना कर के भागे तो उसका पीछा करें पर बड़ी घटना वाले से तो पहले ही बड़ा माल ले लिया जाता है ..इसलिये उसके पीछे भागने का तो सवाल ही नहीं हो सकता ..पर हां छोटा आदमी जिसको कुछ मालुम ही नहीं उसके पीछे रॉबीन हुड की तरह अपनी मोटरसाइकिल लग देते हैं मांगी जाती खूले में रिश्वत ..नहीं देने पर गिरेबान भी पकड लिया जाता है ...

ये सब देखकर इस देश में जो आवाज़ उठा सकता है वो है पत्रकार आदमी को बचाया पुलिस वाले को समझाया ..जब बात नहीं बनी तो डीसीपी को फोन लगाया ..सोचा की ये कुछ अपने हवलदार को समझायेगें पर जो सोचा वो हुआ नहीं .. मुठ्ठी गर्म थी औऱ पहलवान नर्म था ..हवलदार को तो कुछ नही कहा पर पत्रकार को जेल भिजवाने और नौकरी से निकलवाने को ज़रूर कहे दिया..

803 a traffic वाला अशोक कुमार बहुत खुश हुआ आखिर साहब को भेजा हुआ माल काम आया.. हम और क्या करें सिर्फ आपको सावधान कर सकते .. इस ट्रेफिक में आवाज़ उठाने से पहले ये सोच लिये गा की आप बेरोज़गार और जेल जाने के लिये तैयार है.

Comments

Udan Tashtari said…
यही होता है. चलिए एक नया मुहावरा सीखा:

मुठ्ठी गर्म थी औऱ पहलवान नर्म था

:)

Popular posts from this blog

woh subhah kab ayaegi (THEATRE ARTISTE OF INDIA)

मुख्यमंत्री की बहू बनी कातिल....