कुछ ख़ास लोगों के कहने पर ......
कुछ ख़ास लोगों के कहने पर ......
हज़रत अब्बास की शान में....
( हज़रत अब्बास इमाम हुसैन के भाई थे जो करबाला में उनके साथ शहीद हुये थे .
अब्बास को वफादारी की मिसाल माना जाता है जब वफा का ज़िक्र होता है .उनका नाम आता है ..)
गाज़ी तेरी मिसाल नहीं दो जहां में
जहरा ने खुद कसीदे पढ़े तेरी शान में
पानी तेरी सबील का कैसे पीये गा वो
बुगज़े अली के कांटे हैं जिसकी जुबान में
अब्बास फातमा की तमन्ना का नाम है
अब्बास का जहां मे निराला मुकाम है
बारह इमाम मज़हबे इस्लाम में हुये
ये मज़हबे वफा का अकेला इमाम है
नामे गाज़ी से खुशबू-ए वफा आती है
उनके रौज़े से हुसैना की सदा आती है
जब भी हम बैठे हैं अब्बास के परचम के तले
ऐसा लगा है जन्नत से हवा आती है।.
पार कर पाया न लशकर एक हल्की सी लकीर
थीं तो हल्की मगर खीची हुई अब्बास की....
हज़रत अब्बास की शान में....
( हज़रत अब्बास इमाम हुसैन के भाई थे जो करबाला में उनके साथ शहीद हुये थे .
अब्बास को वफादारी की मिसाल माना जाता है जब वफा का ज़िक्र होता है .उनका नाम आता है ..)
गाज़ी तेरी मिसाल नहीं दो जहां में
जहरा ने खुद कसीदे पढ़े तेरी शान में
पानी तेरी सबील का कैसे पीये गा वो
बुगज़े अली के कांटे हैं जिसकी जुबान में
अब्बास फातमा की तमन्ना का नाम है
अब्बास का जहां मे निराला मुकाम है
बारह इमाम मज़हबे इस्लाम में हुये
ये मज़हबे वफा का अकेला इमाम है
नामे गाज़ी से खुशबू-ए वफा आती है
उनके रौज़े से हुसैना की सदा आती है
जब भी हम बैठे हैं अब्बास के परचम के तले
ऐसा लगा है जन्नत से हवा आती है।.
पार कर पाया न लशकर एक हल्की सी लकीर
थीं तो हल्की मगर खीची हुई अब्बास की....
Comments
badhai ho