अमरनाथ यात्रा ..एक नज़र

अमरनाथ यात्रा ..एक नज़र
पिछले कुछ सालों से अमरनाथ यात्रा के साथ कोई न कोई विवाद जुडता रहा है ।कभी शिव लिंग पिघल जाता था तो कभी ज़मीन को लेकर खूनी संधर्ष शुरू हो जाता था ...पर शुक्र है इस बार आंतकवादियों की धमकियों के बावजूद अमरनाथ यात्रा बिना किसी विवाद और हिंसा के मुकम्मल हुई ।
दो महीने चली इस यात्रा को मौसम की वजह से श्रद्धालुओं को कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा और यात्रा को बीच में रोकना भी पड़ा पर अंत भला तो सब भला ..
सरकार ने कड़ी सुरक्षा का इंतज़ाम किया था 4लाख तीर्थ यात्रियों ने 3880 मीटर ऊंचाई पर शिवलिंग के दर्शन किए ।रास्ते काफी मुश्किल भरे थे दर्शन और कठीन हो जाता है जब वहां का लोकल आदमी अपनी मनमानी करने लगता है..
चलने और अपनी ज़रूरत की चीज़ों के लिए आम श्रद्धालु उन पर ही निर्भर करता है और वो अपनी मनमानी करने से बाज़ नहीं आते ..इस मुद्दे पर हर कोई खामोश है ..ज़ीमन विवाद की एक बड़ी वजह ये भी है तभी वहां का लोकल आदमी अमरनाथ ट्रस्ट को ज़मीन दे जाने का विरोध करता है क्योकि तब उनकी गुंडा गर्दी नहीं चल सकती ।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस के उपमहानिरीक्षक नलिन प्रभात ने पत्रकारों से कहा, "यात्रा के दौरान लश्कर-ए-तैयबा सहित कई आतंकी संगठनों से इस यात्रा पर हमले का खतरा बना हुआ था...लेकिन हमने तीर्थयात्रियों को निशाना बनाने की आतंकियों की सभी कोशिशों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया."
यात्रा के दौरान सेना ने चोटियों पर सुरक्षा का जिम्मा संभाल रखा था और सीमा सुरक्षा बल के पास यात्रा मार्ग की सुरक्षा का जिम्मा था.
ये तारीफ के काबिल है पर शिवलिंग तक पहुचते पहुचते जो श्रद्धालुओं को शोषण और मानसिक तनाव झेलना पड़ता है उस पर भी हमें नज़र ज़रूर रखनी चाहिए... तभी हम कहे सकते हैं शुक्र है यात्रा सफल हुई......

Comments

सही बात है अब तो तीर्थयात्रा करना बहुत जौखिम का काम हो गया है....
Udan Tashtari said…
चलिये, शुक्र है सफल रही.

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