लो फिर बात चली
लो फिर बात चली
एक हल्की हवा फिर चली
लो तेरी बात फिर चली ।।
हर झोका एक एहसास जगाता है
हर बार एक तमन्ना फिर जग जाती है
कोई कुछ कहता है
पर मन तेरे बारे मे ही सोचता है।।
चलता हूं गुज़रता हूं
जब उन बीते रास्तों से
हर तरफ वो पल नज़र आता है।।
सादगी थी, मसूमियत थी
हम में न जाने कौन सी रौनक थी ..।।
वो ही तारीख वो ही दिन, पर साल बदलते देखे
हमने वक्त के साथ सारे, रिश्ते बदलते देखते ..।।
फिर जब भी कोई ज़िक्र हो जाता है ...
एक एहसास फिर उठ जाता है...
शायद तू भी वो ही सोचता होगा
शायद तुझ को भी वो ही याद आता होगा...।।
लो फिर बात चली
एक हल्की हवा फिर चली
लो तेरी बात फिर चली ....।।
एक हल्की हवा फिर चली
लो तेरी बात फिर चली ।।
हर झोका एक एहसास जगाता है
हर बार एक तमन्ना फिर जग जाती है
कोई कुछ कहता है
पर मन तेरे बारे मे ही सोचता है।।
चलता हूं गुज़रता हूं
जब उन बीते रास्तों से
हर तरफ वो पल नज़र आता है।।
सादगी थी, मसूमियत थी
हम में न जाने कौन सी रौनक थी ..।।
वो ही तारीख वो ही दिन, पर साल बदलते देखे
हमने वक्त के साथ सारे, रिश्ते बदलते देखते ..।।
फिर जब भी कोई ज़िक्र हो जाता है ...
एक एहसास फिर उठ जाता है...
शायद तू भी वो ही सोचता होगा
शायद तुझ को भी वो ही याद आता होगा...।।
लो फिर बात चली
एक हल्की हवा फिर चली
लो तेरी बात फिर चली ....।।
Comments