बरसी की तैयारी
बरसी की तैयारी
26\11 को पूरा एक साल हो जाएगा .. मुझे याद है जब तकरीबन दस बजे मैने टीवी खोला तो मुंबई के कैफे में किसी लड़कों का ज़िक्र हो रहा था .. शायद कोई दिवाने या नशे में लड़के कैफे में गोली चला रहें है ऐसी खबर थी..फिर धीरे धीरे बात खुलती गई ..और वो बुधवार 26\11 के नाम से दर्ज हो गया..
अब पूरा एक साल होने को है ..26\11 के बाद देश का क्या हाल है और खबर दिखाने वाले चैनलों का क्या हाल है ये बात किसी से छुपी नहीं..
एक साल के बाद हमारे देश का गृह मंत्री सिर्फ माफी मांग रहा है .. सॉरी बोल रहा है...छगन भुजबल आरआर पाटिल पर इल्ज़ाम लगा रहे हैं ।ये सच है की इस के बाद कोई आंतकी हमला नहीं हुआ ..पर हमारी सींमाएं असुरक्षित हो गईं..इंसानों के अंदर खौफ बैठ गया है ...
इस के लिए नेता और सुरक्षा ऐजेंसिया जितनी ज़िम्मेदार है उतने ही टीवी चैनल .क्योंकि इस हमले के बाद हर चैनल में एतिहासिक बदलाव आया है ..आंतकवाद एक बीट हो गई .. इसके लिए पत्रकार और लोगों को अलग से रखा जाने लगा या सिर्फ इस पर ध्यान देने को कहा जाने लगा.
टीवी चैनलों ने देश में एक क्रांति लाने का काम किया ... तालिबान, पाकिस्तान , लश्करे तैयव्बा हाफिज़ सईद मौलाना महसूद हकीमउल्ला ज़रार शाह बैतुल्ला जैसे नांम देश के बच्चों की ज़बा पर रट गए..
चैनलों ने तो ये भी बता दिया कितनी दूरी पर तालिबान है और भारत में कितनी देर में बस घुस जाएगा ....
अब बरसी मनाने लगे हैं.. उस मंज़र को दिखा कर बार बार याद दिला कर दिला वो उन लोगों को थोड़ी शांति देगे .. और दूसरों को रोचक दृश्य दिखाएगे...
बहुत उमंदा बरसी मनाई जाएगी...
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26\11 को पूरा एक साल हो जाएगा .. मुझे याद है जब तकरीबन दस बजे मैने टीवी खोला तो मुंबई के कैफे में किसी लड़कों का ज़िक्र हो रहा था .. शायद कोई दिवाने या नशे में लड़के कैफे में गोली चला रहें है ऐसी खबर थी..फिर धीरे धीरे बात खुलती गई ..और वो बुधवार 26\11 के नाम से दर्ज हो गया..
अब पूरा एक साल होने को है ..26\11 के बाद देश का क्या हाल है और खबर दिखाने वाले चैनलों का क्या हाल है ये बात किसी से छुपी नहीं..
एक साल के बाद हमारे देश का गृह मंत्री सिर्फ माफी मांग रहा है .. सॉरी बोल रहा है...छगन भुजबल आरआर पाटिल पर इल्ज़ाम लगा रहे हैं ।ये सच है की इस के बाद कोई आंतकी हमला नहीं हुआ ..पर हमारी सींमाएं असुरक्षित हो गईं..इंसानों के अंदर खौफ बैठ गया है ...
इस के लिए नेता और सुरक्षा ऐजेंसिया जितनी ज़िम्मेदार है उतने ही टीवी चैनल .क्योंकि इस हमले के बाद हर चैनल में एतिहासिक बदलाव आया है ..आंतकवाद एक बीट हो गई .. इसके लिए पत्रकार और लोगों को अलग से रखा जाने लगा या सिर्फ इस पर ध्यान देने को कहा जाने लगा.
टीवी चैनलों ने देश में एक क्रांति लाने का काम किया ... तालिबान, पाकिस्तान , लश्करे तैयव्बा हाफिज़ सईद मौलाना महसूद हकीमउल्ला ज़रार शाह बैतुल्ला जैसे नांम देश के बच्चों की ज़बा पर रट गए..
चैनलों ने तो ये भी बता दिया कितनी दूरी पर तालिबान है और भारत में कितनी देर में बस घुस जाएगा ....
अब बरसी मनाने लगे हैं.. उस मंज़र को दिखा कर बार बार याद दिला कर दिला वो उन लोगों को थोड़ी शांति देगे .. और दूसरों को रोचक दृश्य दिखाएगे...
बहुत उमंदा बरसी मनाई जाएगी...
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