अब नही रहा जाता खामोश
अब नही रहा जाता खामोश
दरिया भर गया है ..
तूफान बस रूका है
बरस जाए गा बादल
गिर जाएगी बिजली
छलक जाएगा पैमाना
बंद जंबा खुलने वाली है
शायद प्रलय आने वाली ..
क्यों सहूं ज़िल्लत
क्यों सुनु उसकी
इस पेट के खातिर
ये भी अब मुझ को समझ गया है..
बस बुहत हुआ अब खमोश नही रहा जाता ....
शान....
दरिया भर गया है ..
तूफान बस रूका है
बरस जाए गा बादल
गिर जाएगी बिजली
छलक जाएगा पैमाना
बंद जंबा खुलने वाली है
शायद प्रलय आने वाली ..
क्यों सहूं ज़िल्लत
क्यों सुनु उसकी
इस पेट के खातिर
ये भी अब मुझ को समझ गया है..
बस बुहत हुआ अब खमोश नही रहा जाता ....
शान....
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