क्या सहारा टीवी का बदलाव कुछ रंग लाएगा...
क्या सहारा टीवी का बदलाव कुछ रंग लाएगा...
नहीं कतई ही नही... ये लोग आएगे.. सब को अपना अपना कैबिन मिलेगा... एच आर के नियमों से अवगत कराया जाएगा.. सहारा की खूबियो और कानूनों के बारे में बताया जाएगा..
फिर आने वाले अपनी नई टीम बनाएगे.. दूसरे चैनलों के सारे निकम्मे और काम चोर लोग सहारा में बॉस बन जाएगे..
वहां मौजूद और कई सालों से पिसता हुआ, कम पगार, असक्षम, आयोग्य ( जैसा दूसरे चैनलों में जाना जाता है)असली सहारियन उनको सहारा प्राणम करना शुरू कर देगा... और वो अपने अनुभवो का उसके सामने बखान करना शुरू कर देगे...कि हमने वहां ऐसा किया वहा जो टीआरपी आई वो हमारी बदौलत आई... बस देखो थोड़े समय में यहां का माहौल ठीक कर देगें..
नई टीम के सदस्य अपने नए बॉस की बहुत तारीफ करेगें... और कुछ पुराने लोग जिनका काम सिर्फ नए बॉस के साथ हो जाना है उनके साथ भी खड़े हो जाएगे..
सब अपना मतलब साधेगे..चैनल में क्या दिखाना है क्या नहीं दिखाना इस पर बहस होगी..नए बॉस के दिमाग की तारीफ की जाए गई... लखनऊ तक पैगाम पहुचा दिया जाएगा..
सब से पहले चैनल का रंग बदला जाएगा..मौजूदा रंग की कड़ी आलोचना होगी और नए कलर की प्रंशसा...ज़ाहिर है बॉस बीबीसी और स्टार से आया है तो असर भी वहीं का दिखाएगा ...यानि कहने अर्थ है अब तक जो भी आए और गये वो सब नलायक थे...
अब की बारी सब से बढ़िया टीम बनी है ..भई वाह मज़ा आ गया ऐसी आवाज़े कैटीन और चाय की दुकानों में सुनाई देने लगे गी...सब यहीं सोच रहे होगे अब क्या होगा हमारा क्या होगा..... कुछ पैदाइशी सहारा के कर्मचारी जिनका काम ही नए आए हुए सदस्यों की प्रशंसा के पुल बांधना और कुछ महिनों बाद उनका पुल तोड़ देना होता काफी सक्रिय हो जाएगे..
ये सब कुछ महिने चलेगा ... पर कुछ महिनों या अधिकतम साल भर के बाद सब ठंडा पड़ जाएगा ..नए आये हुए लोग पुराने हो जाएगें..बॉस के जाने की तैयारी हो रही होगी और एक नए बॉस की खोज.. इस बीच के वक्त.. छुपे और गुमशुदा सहारियन को सत्ता सौंप दी जाएगी...वो इन सब से बदला निकालेगा अपने अपमान का.
....दावा है हमारा एक एक चीज़ हूबाहू ऐसी ही होगी..... सहारा जैसा है वैसा ही रहेगा......बॉस आएगे चले जाएगें...क्या इस बार सहारा में कुछ बदलेगा...।।
नहीं कतई ही नही... ये लोग आएगे.. सब को अपना अपना कैबिन मिलेगा... एच आर के नियमों से अवगत कराया जाएगा.. सहारा की खूबियो और कानूनों के बारे में बताया जाएगा..
फिर आने वाले अपनी नई टीम बनाएगे.. दूसरे चैनलों के सारे निकम्मे और काम चोर लोग सहारा में बॉस बन जाएगे..
वहां मौजूद और कई सालों से पिसता हुआ, कम पगार, असक्षम, आयोग्य ( जैसा दूसरे चैनलों में जाना जाता है)असली सहारियन उनको सहारा प्राणम करना शुरू कर देगा... और वो अपने अनुभवो का उसके सामने बखान करना शुरू कर देगे...कि हमने वहां ऐसा किया वहा जो टीआरपी आई वो हमारी बदौलत आई... बस देखो थोड़े समय में यहां का माहौल ठीक कर देगें..
नई टीम के सदस्य अपने नए बॉस की बहुत तारीफ करेगें... और कुछ पुराने लोग जिनका काम सिर्फ नए बॉस के साथ हो जाना है उनके साथ भी खड़े हो जाएगे..
सब अपना मतलब साधेगे..चैनल में क्या दिखाना है क्या नहीं दिखाना इस पर बहस होगी..नए बॉस के दिमाग की तारीफ की जाए गई... लखनऊ तक पैगाम पहुचा दिया जाएगा..
सब से पहले चैनल का रंग बदला जाएगा..मौजूदा रंग की कड़ी आलोचना होगी और नए कलर की प्रंशसा...ज़ाहिर है बॉस बीबीसी और स्टार से आया है तो असर भी वहीं का दिखाएगा ...यानि कहने अर्थ है अब तक जो भी आए और गये वो सब नलायक थे...
अब की बारी सब से बढ़िया टीम बनी है ..भई वाह मज़ा आ गया ऐसी आवाज़े कैटीन और चाय की दुकानों में सुनाई देने लगे गी...सब यहीं सोच रहे होगे अब क्या होगा हमारा क्या होगा..... कुछ पैदाइशी सहारा के कर्मचारी जिनका काम ही नए आए हुए सदस्यों की प्रशंसा के पुल बांधना और कुछ महिनों बाद उनका पुल तोड़ देना होता काफी सक्रिय हो जाएगे..
ये सब कुछ महिने चलेगा ... पर कुछ महिनों या अधिकतम साल भर के बाद सब ठंडा पड़ जाएगा ..नए आये हुए लोग पुराने हो जाएगें..बॉस के जाने की तैयारी हो रही होगी और एक नए बॉस की खोज.. इस बीच के वक्त.. छुपे और गुमशुदा सहारियन को सत्ता सौंप दी जाएगी...वो इन सब से बदला निकालेगा अपने अपमान का.
....दावा है हमारा एक एक चीज़ हूबाहू ऐसी ही होगी..... सहारा जैसा है वैसा ही रहेगा......बॉस आएगे चले जाएगें...क्या इस बार सहारा में कुछ बदलेगा...।।
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