मुझसे एक लड़की बात करने लगी है

मुझसे एक लड़की बात करने लगी है

बुझे दीपों में लौ जलने लगी है
मुरझाई कलियां खिलने लगी हैं
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।।

रूखा मौसम अचानक सुहाना हुआ है
रेत में दरिया नज़र आने लगा है
गुलशनो में महक उठने लगी है
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।।

सजना संवरना शुरू फिर से किया है
खुद को देखना शुरू फिर से किया है
हर वक्त मुस्कुराना शुरू फिर से किया है
अचानक दिल की धड़कने बढ़ने लगी है
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।।

हाल क्या है मेरा इस वक्त न पुछो
क्या कर रहा हूं मै इस वक्त न पुछो
दुनिया से दूर होने लगा हूं
खुद को अच्छा लगने लगा हूं
मन में शरारत उठे लगी है
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है ।।

बात कुछ होगी बताऊंगा
मुलाकात होगी बताऊंगा
सपनों में फिर से जीने लगा हूं
ज़िन्दगी अच्छी लगने लगी है
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।।

Comments

Udan Tashtari said…
वाह, बधाई..बताना जरुर!
बहुत अच्छे क्या छक्का मारा है
बात कुछ होगी बताऊंगा
मुलाकात होगी बताऊंगा
सपनों में फिर से जीने लगा हूं
ज़िन्दगी अच्छी लगने लगी है
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।।
वाह जी बहुत बहुत बधाई इन्तज़ार करेंगे बारात मे जरूर ले जाना आशीर्वाद्
KULDEEP SINGH said…
bhut bhavpurn racha hay apane
रंजना said…
सहज कोमल प्रणय भावों की बहुत ही मधुर अभिव्यक्ति....
सुन्दर रचना...
Rohit Singh said…
वाह यार ... क्या बात है..एक लड़की.... सिर्फ एक लड़की ....आदमी को....कितना बदल देती है.......इसका अहसास फिर से कराने के लिए धन्यवाद...
BinaryBandya™ said…
bahot aachi kavita hai...
KULDEEP SINGH said…
BADIYA PRASTUTI PER BADHAYIYA

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