किसान बना करोड़पति (नाटक theatre artiste of india)
करोड़पति किसान...
कोरस--सुनो सुनो ..
सदानंद बाबू कि किसमत बदल गई
किसमत बदल गई
रंगत बगल गई
रंगत बगल गई सौबत बदल गई
रात ही रात दुनिया बदल गई...
..
मिश्राजी भीड़ से अरे भई के हो ..क्यों संदानद जी के यहां खुशिया है
मंच से -- डाक्टर साहब आओ ऊपर आओ..संदानंद जी जा रहे बच्चन जी मिलने
मंच से दूसरा -- करोडपति सिरियल में
मिश्राजी - सदानंद ज़रूर जीते गा..हम सब की दुआ है उसके साथ...
-कोरस--सुनो सुनो ..
सदानंद बाबू कि किसमत बदल गई
किसमत बदल गई
रंगत बगल गई
रंगत बगल गई सौबत बदल गई
रात ही रात दुनिया बदल गई...
..सेट में दो कुर्सियां ...
अमिताभ बच्चन की एंटरी..
अमिताभ -- देवियों और सजनो कौन किसान बने गा आज इस मंच से करोड़पति आपका इंतज़ार खत्म ..इस हाट सीट पर बैठने आ रहे है सदापुर के किसान संदानद.....
( तालिये के साथ सदानंद की एंटरी )
आज इस हाट सीट में हमारे साथ है सदानंद...सदानंद अपना परिचय दिजिये..
सदांनंद-- शर्माते हुए जी मैं सदानंद ..पिता जी गजानंद बस खेती बाड़ी करता हूं और उसके बारे में ही जानता हूं...
अमिताभ तो ठीक है वक्त ज्यादा जयाज़ न करते हुए आपसे खेती के बारे में सवाल पूछते हैं...और हां इन सवालों के आपके पास कई विकल्प भी है ..जो मैं आपको शो के दौरान बता चलूगां...
हमारा पहला सवाल है ...
दर्शको क तरफ आप लोगों से मैं बीच पुछूंगा..
अगर आपके चार बेटों में और आपकी ज़मीन उन में बंट जाती है ..यानि ज़मीन सबके हिस्से में थोड़ी थोड़ी या छोटा छोटा हिस्सा आता है तो आप क्या करेगे...
आपके विकल्प है यानि आपशन..
1) खेती करना ही छोड़ देगें शहर की तरफ पलायन करेंगें
2)ज्यादा बीज को डालेगें...
3) ज्यादा मात्रा में कैमीकल उरवारक का इस्तमाल करेगे
4) या फिर अधिक आमदनी देने वाली सब्जिया या फल लगाएगे..
आपका क्या जवाब है .सोच समझ कर जवाब दिजिए...
किसान - जी मैं अधिक आमदनी देने वाली सब्जिया या फल लगाओं गा...
अमिताभ क्यों तुक्का .. देखिए इतना दूर से आये हैं और पहले सवाल में घर चल जायेगे ..
किसान -- मैने तो सोच समझ कर जवाब दिया मैं .न जी न किसान अपनी ज़मीन छोड़ कर क्यों जाये शहर जब सब कुछ इज्जत विजत जब गांव में है तो शहर में क्या करे ..
और बीज और उरवारक का ज्यादा इस्तमाल से कुछ न होने का .. इसलिए भई मैं तो यही कहूं.. की ज्यादा आमदनी देने वाली सब्जियों और फलो को लगाओ और खुश हो जाऊ...
अमिताभ -- सोचते हुए.. बहुत चकित कर दिया हमें.. हमारे पास मिेसेज़ नटराजन है...उनसे पूछते है क्या आपका जवाब सही है..
मिसेज नटराजन...
अमिताभ -- एकदम ठीक जवाब .. और ये आप पहला चेक.... दूसरे सवाल की तरफ बढ़ते है
प्राकृतिक आपदा कुदरत का कहर बाढ़ के रूप में अकसर आजाता है जिससे किसानो को काफी नुकसान होता है और ज़िन्दगी भर की कमाई स्वाह जाती है ऐसे में बिटिया की शादी आ जाये तो आप क्या करेंगे..
1) अपनी किस्मत को रोएगे
2) ऱिश्ता टाल देगें..
3)रिश्तेदारों के आगे हाथ फैलाएगें
4) या इंशोरनस से अपने नुकसान की भरपाई और बचत से बिटिया की शादी करेगे...
किसान -जी न तो मैं रों ,अपनी किस्मत को ,न फैलाओ अपने हाथ रिश्तेदार और दोस्तों के आगे ... मैने कर रखा है ..कृषि बीमा.. कोई भी आए आपदा अपना है बीमा,,,,,आप कर दो इसको लोक्क..और चलो तीसरे सवाल की तरफ..
अमिताभ ...वाह भई वाह..जिसके किसान ने करा रखा हो कृषि बीमा ..उसे काहे का रोना....
चारों तरफ ज़ोरदार तालियां...संदानंद ज़िन्दा बाद ज़िन्दाबाद..ज़िन्दाबाद..
अमिताभ-- मिश्राजी दो पंकितया याद आ गई हमें..
घर में खुशियां द्वार पे रौनक
खेत हरे खालियान हरे
गांव गांव में होगी खुशहाली नई दिशा के द्वार खुले ...
चलिए आगे चलते हैं और तीसरा सवाल पानी की किल्लत यानि पानी की कमी हो तो आप क्या करेगें..
1)सिचाई छोड़ देगें
2)एक ही फसल लेगें
3) उधार लेकर टयूब वेल लगवाएगें
4)जल संरक्षण करेगं यानि water haresting...
किसान सोचने लगा ... आपके पास विकल्प है और कई विशेषज्ञ.. और आपका दूसरा चेक भी तैयार है..
किसान ..मै किसी जानकार की राय लेना चाहता हूं...
अमिताभ - ठीक.. फिर चलते है मिसेज़ नटराजन के पास...
मिसेज़ नटराजन आप किस विकल्प के साथ है और क्यों ....
मिसेज़ नटराजन...
किसान -में जल संरक्षण के विकल्प के साथ जाता हूं ...
अमिताभ - एकदम ठीक..
फिर तालिया----
अमिताभ .. पहले आपको चेक देता हूं फिर मिश्राजी की पंक्तिया आप को सुनाता हूं ....
जल सरंक्षण की विधि अपनाना
स्प्रिकलर खेतों में लगाना
वर्षा जल को संचय कर लो
पूरे बरस तुम फसल उगाना ..पूरे बरस तुम फसल उगाना ...
बड़ा रौचक खेल चल रहा है ..
इसी बीच यहां मौजूद दर्शको से सवाल पुछता हूं ... जिसके जवाब पर आपको पुरस्कार भी दिया जायेगा
ये सवाल सदानंद के लिए नहीं ..आपके लिए है ..
अगर भूमि ऊसार है तो क्या करेंगे..
विकल्प है..
कॉमपोस्ट का प्रयोग करेगें..
चूने का उपयोग करेगे
फसल बदल कर देखेंगे
या फिर जिमसम का इस्लमाल करेगे ..
सवाल को ध्यान से सुनिये और इसका जवाब देगे तो मेरे हाथो से पुरस्कार पायेंगे..
सदानंद जी आपके लिए अगला सवाल ...
मशनीरी युग है हर काम मशीन से होता है अगर धान की कमी है और आपको मशीन लेनी हो तो क्या करेगें..
1) मशीन का इस्तेमाल नहीं करेंगे ..
2) सरकार से सब्सीडी की मांग करेगें
3)मुफ्त में मशीन सरकार दे ये चाहेगे..या फिर
4) समूह बना कर फंड जमा करेंगे इससे मशीन खरीदकरऔर एक दूसरे को मशीन भाड़े में देगे ...
किसान - देखो जी मशीन इस्तेमाल तो ज़रूरी है और सब्सीड़ी और मुफ्त में सरकार दे भी तो मैं उसके चक्कर में न पडूं उसके रखराव में बी तो खर्चा आता है ..इसलिए जी मैं चौथे विकल्प के साथ हूं..
अमिताभ --एक दम सही जवाब...सदानंद जी के लिए ज़ोर दार तालिया...और ये रहा आप का एक और चेक
भई वाह नये तरीको के तहत किसान आगे बढ़ रहा है...
और आप के सवाल भी आगे बढ़ रहे हैं...
अमिताभ -- अगर सूखा पड़ता है ...तो अगली फसल की कैसी तैयारी करेगें...
1) ज़ेवरात बेच देगें
2) ज़मीन बेच देगें
3) खेत को बंटाई पर देगें...
सदानंद जी आप बहुत मुस्कुरा रहे हैं... लगता है जवाब पता है
या क्रडिट कार्ड का इस्तेमाल करेगे..
सदानंद जैब से क्रेडिट कार्ड निकालते हुए जी मेरे पास क्रेडिट कार्ड है ..
वाह वाह अपनी आमदनी को बढ़ाओ
गर पैसे की पड़े ज़रूरत तो किसान क्रेडित कार्ड बनवाओ..
हां ओसार भूमि हो तो क्या करे गा किसान ... पता चला जवाब.चलिए हमारे कृषि दर्शन कार्यक्म के मीणाजी आप सब को बताते हैं जवाब...
मीणाजी...
अमिताभ- संदानंद जी ..आप जीत से सिर्फ एक कदम की दूरी पर है ... और ये सवाल हमारे भारत के हर किसान की ज़िन्दगी से जुड़ा हुआ है ...
फसल की कटाई के तुरंत बाद पैसा ज्याद कैसे पाउगे...
मैं विकल्प बताने जा रहा हूं ... सोच समझ कर बताना नहीं तो बाबूजी कविता जो बीत गई सो बात गई वाली बात हो जायेगी...
1) फसल कटने से पहले ही सौदा कर लो गे..
2) घर में ऱखोगे और व्यापारी से संपर्क करोगे..
3)फसल काटने के बाद जो ज्यादा पैसा देगा उसे बेच डालो गे...
4)वैज्ञानिक भण्डारन करके अच्छा दाम मिलने पर बेचो गे..
सोच समझ कर जवाब दिजिए..आप यहां मौजूद लोगों राय जान सकते..बताइये आप सदानंद को कौन विकल्प बताते हैं...
बताइ..सदानंद की जीत का सवाल...
मैं जी अंतिम सवाल पर लोगों की राय पर जाना चाहता हूं ....
एक दम सही .. और इसबार के विजेता सदांदन फूल पुर गां व के ...और ये आप का चेक...
ज़ोर तालियों से करिये स्वागत...आपके गांव के लोग आपको देख रहे है .. आज दिल्ली के इस कृषि मंत्रालय के पवेलियन इतनी मात्रा में किसान आये है इन सब के सामने आप विजेता है ..आप इन सब से कुछ कहना चाहेगे...
सदानंद - जी ज़रूर..हम भारतीय है हमे बच्चपन से सिखाया जाता है कि धरती हमारी माता है ... बस मैने इस बात को गांठ बांध लिया इस लिए सरकारी मदद और अपने दिमाग और सूझबूझ और जानकारी हर वक्त हमारी सहायता करते कृषि अधिकारियों से और कॉल सेंटर से हर बात की जानकारी जुटता रहा..और आज आपके सामन हूं,,,,
ज़ोरदार तालियां.. संदानंद बाबू के लिए...
कोरस--सुनो सुनो ..
सदानंद बाबू कि किसमत बदल गई
किसमत बदल गई
रंगत बगल गई
रंगत बगल गई सौबत बदल गई
रात ही रात दुनिया बदल गई...
..
समाप्त
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