शौहरत और दौलत अक्सर सोचता हूं ..जिन्दगी जो हम जी रहे हैं किस लिए...उसमें क्या क्या महत्वपूर्ण हैं.. जिससे पूछा ,सब ने कहा एक खुशहाल जीवन के लिए जिन्दगी में खुशियां होनी ज़रूरी हैं ,,और खुशियों को कैसे परिभाषित किया जाए..तो कहा सब ठीक ठाक हो...सब स्वस्थ रहे , एक अच्छा घर हो कामकाज चलता हो दुनिया में अपनी पहचान हो..बस और क्या चाहिए... फिर मुझे ध्यान आया की वो लोग कितने महान है जो जीवन में इन सब को त्याग कर के अलग रहते हैं .दौलत शौहरत से दूर .सहेत की न परवाह न अपने हाल की चिंता..वो भी तो जीवन जी रहे हैं...पर हममें से शायद ही कोई उस तरह का जीवन वितित करना चाहता हो.. क्यों... दुनिया में दौलत औऱ शौहरत इसकी प्यास सब को है.. हर शाम,हर रोज़ हर सुबह मां बाप, अम्मी अब्बू अपने लख्तेजिगर को दौलत और शौहरत से धनी लोगों का ज़िक्र करते नहीं थकते ..देखो उसने ये कर लिया वो विदेश में बस गया उसका कितना नाम है ..आज उसके पास हर चीज़ है.. बात को आगे बढ़ाने के लिए आपको दो सधारण लोगो के बारे में बताता चलू.. पहले सम्मान जाति का होता था ..यानि जो उच्च जाति का है उसको समाज में सम्मानजनक नज़रों से देखा जाता था ..छो...