जसबीर कलरवि की ...तलाश
जसबीर कलरवि की ...तलाश
आज उसको किसी की तलाश थी
क्योंकि वो पहली बार गुम हुआ था
अजनबी चहेरे भी उसको अपने लगते थे
पर वो अपनापन उसके अंदुरूनी परतों से
बाहर न आ सका
खुद से घबराकर आखिर उसने आवाज़ दी
सभी अजनबी चहेरे उसकी तरफ दौड़े
अपना अपना रास्ता पूछने
. ।
आज उसको किसी की तलाश थी
क्योंकि वो पहली बार गुम हुआ था
अजनबी चहेरे भी उसको अपने लगते थे
पर वो अपनापन उसके अंदुरूनी परतों से
बाहर न आ सका
खुद से घबराकर आखिर उसने आवाज़ दी
सभी अजनबी चहेरे उसकी तरफ दौड़े
अपना अपना रास्ता पूछने
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