संजीव श्रीवास्तव का जाना कोई हैरानी की बात नहीं...
संजीव श्रीवास्तव का जाना कोई हैरानी की बात नहीं...
जी हां संजीव श्रीवास्तव चले गए... सहारा छोड़ा या सहारा ने उन्हे छोड़ दिया अब इस बात को भूल जाना चाहिए.जब उन्होने सहारा ज्वाइन किया था तो लोगों ने उन्हे मुबारकबाद और सहारा को सही पटरी और सही दिशा में लाने का संकेत माना था ..पर 16 जनवरी 2010 को हमने अपने ब्लाग वक्त है पर लिखा था कि संजीव कुछ बदलाव नहीं कर पाएगे और खुद बदल जाएगें...किसी को इस बात पर यकीन नहीं था ..पर हम कायम थे अपने मीडिया के अनुभवों और चैनल के नज़रिये को समझते हुए... जिस तरह का घ़टनाक्रम हमने अपने ब्लाग पर लिखा ..जिसका लिंक नीचे है वैसा ही हुआ..और संजीव को सहारा को खुदा हाफिज़ बोलना पड़ा
waqt: क्या सहारा टीवी का बदलाव कुछ रंग लाएगा...
http://waqthai.blogspot.com/2010/01/blog-post.html
ख़बर अब ये नहीं है कि संजीव चलेगे खबर अब ये है कि उपेन्द्र राय का नंबर कब आएगा ..वो भी हम आपको बता दे ..जल्द इस साल के खत्म होते होते वो भी बाहर का रास्ता देख लेगे या फिर एचआर में बेठने लगेगे..तो उपन्द्रेजी को यही सलाह है कि बदले की भावना से काम न करते हुए .सिर्फ और सिर्फ काम पर ध्यान दे... चैनल जो बीच मे 6 तक रेटिग पर पहुच गया था आप लोगों के आने के बाद 2 और तीन पर अटक गया उसे सुधारे खबरो पर काम करे खुद खबर न बने...
वक्त है ब्लाग ने हमेशा टीवी की सही तस्वीर पेश की है .हमने ही कहा था कि इलैक्शन कवरेज न्यूज़ 24 का घटिया था .. अंजीत अंजुम एंकरिंग में काफी मेहनत करनी चाहिए..शायद तब वो और उनके बहुत से समर्थक नाराज़ ..लेकिन ये बात कितनी ज्यादा दुरस्त है..ये सब जानते है और मान भी गए होगें ।..
हमने कहा कि हिन्दी न्यूज़ चैनल कुमारों का चैनल बनता जा रहा ..बात सही थी कई चैनलों में कुमारों का कद कम हुआ और चैनल सही पटरी पर लौटा
जब हमने कहा आरकेबी अच्छा शो है तो लोगो ने काफी मज़ाक बनाया पर आज आप देखते होगे हर चेनल में एक घंटे का प्राइम टाइम उसी फोरमेट पर आने लगे जिस फोरमेट का हमने ज़िक्र किया था .
हमने लिखा यूसुफअंसारी अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं ..इसमे क्या ग़लत था य़ूसुफमिया ने कौम के लिया क्या किया .शायद किसी को नहीं मालुम..
हमारा मकसद खुद नाम कमाना नही लोगो को सही जानकरी देना है ..जो हम देते रहेगे.. आगे भी वक्त के साथ रहना है तो वक्तहै पढ़ना ही पढ़ेगा...
शुक्रिया
जी हां संजीव श्रीवास्तव चले गए... सहारा छोड़ा या सहारा ने उन्हे छोड़ दिया अब इस बात को भूल जाना चाहिए.जब उन्होने सहारा ज्वाइन किया था तो लोगों ने उन्हे मुबारकबाद और सहारा को सही पटरी और सही दिशा में लाने का संकेत माना था ..पर 16 जनवरी 2010 को हमने अपने ब्लाग वक्त है पर लिखा था कि संजीव कुछ बदलाव नहीं कर पाएगे और खुद बदल जाएगें...किसी को इस बात पर यकीन नहीं था ..पर हम कायम थे अपने मीडिया के अनुभवों और चैनल के नज़रिये को समझते हुए... जिस तरह का घ़टनाक्रम हमने अपने ब्लाग पर लिखा ..जिसका लिंक नीचे है वैसा ही हुआ..और संजीव को सहारा को खुदा हाफिज़ बोलना पड़ा
waqt: क्या सहारा टीवी का बदलाव कुछ रंग लाएगा...
http://waqthai.blogspot.com/2010/01/blog-post.html
ख़बर अब ये नहीं है कि संजीव चलेगे खबर अब ये है कि उपेन्द्र राय का नंबर कब आएगा ..वो भी हम आपको बता दे ..जल्द इस साल के खत्म होते होते वो भी बाहर का रास्ता देख लेगे या फिर एचआर में बेठने लगेगे..तो उपन्द्रेजी को यही सलाह है कि बदले की भावना से काम न करते हुए .सिर्फ और सिर्फ काम पर ध्यान दे... चैनल जो बीच मे 6 तक रेटिग पर पहुच गया था आप लोगों के आने के बाद 2 और तीन पर अटक गया उसे सुधारे खबरो पर काम करे खुद खबर न बने...
वक्त है ब्लाग ने हमेशा टीवी की सही तस्वीर पेश की है .हमने ही कहा था कि इलैक्शन कवरेज न्यूज़ 24 का घटिया था .. अंजीत अंजुम एंकरिंग में काफी मेहनत करनी चाहिए..शायद तब वो और उनके बहुत से समर्थक नाराज़ ..लेकिन ये बात कितनी ज्यादा दुरस्त है..ये सब जानते है और मान भी गए होगें ।..
हमने कहा कि हिन्दी न्यूज़ चैनल कुमारों का चैनल बनता जा रहा ..बात सही थी कई चैनलों में कुमारों का कद कम हुआ और चैनल सही पटरी पर लौटा
जब हमने कहा आरकेबी अच्छा शो है तो लोगो ने काफी मज़ाक बनाया पर आज आप देखते होगे हर चेनल में एक घंटे का प्राइम टाइम उसी फोरमेट पर आने लगे जिस फोरमेट का हमने ज़िक्र किया था .
हमने लिखा यूसुफअंसारी अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं ..इसमे क्या ग़लत था य़ूसुफमिया ने कौम के लिया क्या किया .शायद किसी को नहीं मालुम..
हमारा मकसद खुद नाम कमाना नही लोगो को सही जानकरी देना है ..जो हम देते रहेगे.. आगे भी वक्त के साथ रहना है तो वक्तहै पढ़ना ही पढ़ेगा...
शुक्रिया
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