लो वक्त आगया
रूपये 4200
रात भर की बैचेनी सुबह मुसीबत बन गई हीरा लाल सुबह पूजा से पहले ही ज़मीन पर गिर पड़े पड़ोस में रहने वाले आज़म को बुलाया गया जल्द ही कस्बे के अस्पताल मे ले जाया गया वहां से ज़िला अस्पताल पहुंचाया गया, दिल्ली में उनके बड़े भाई को भी इत्तिला कर दी गई सब पहुच गये ।बात आपरेशन की हुई ब्रेन हमरेज हुआ था खर्चे पर सबने एक दूसरे का मुंह देखा अगर हीरालाल ठीक होकर कर्ज़ा लौटने की हैसीयत रखते तो कोई भी पैसे लगा देता पर सब हकीक़त जानते थे इसी लिये सब ने पिंड छुड़ाया और दिल्ली के सरकारी अस्पताल में ले जाने को कहा बड़े भाई ने भी दुनियादारी में हां कहा एम्बुलेंस की गई ।हीरालाल की ज़िन्दगी से ज्यादा सब को अपना जीवन चलाने की चिंता हो गयी कहां से कैसे और किस तरह से क्या किया जाये गा यही सोच रहे थे हीरा लाल के भाई अपने साले को फोन किया कहा कुछ हो सकता है साले ने अपने दोस्तों को फोन किया क्या कुछ कर पाऊगे दोस्तों ने अपने जुगाड़ लगाये की सर कर दो हमारे दोस्त का अज़ीज़ है मैने कभी अपने लिये तो कुछ नहीं कहा .. हीरा लाल दिल्ली आ गये किस्मत से दाखिला भी हो गया .
रात को हीरा लाल के भाई का साला भी आगया तभी डाक्टर ने कुछ टेस्ट बता दिये फिर बात पैसो पर थी पर साथ ही रिश्तो की शर्म भी थी कैसे और किससे साले ने पर्चा ले लिया कैमिस्ट की दुकान पहुचा समान लिया बिल 4200 का बना बिल देते वक्त उसने कहा चलो इससे ज्यादा कोई और क्या करेगा ।
रात भर की बैचेनी सुबह मुसीबत बन गई हीरा लाल सुबह पूजा से पहले ही ज़मीन पर गिर पड़े पड़ोस में रहने वाले आज़म को बुलाया गया जल्द ही कस्बे के अस्पताल मे ले जाया गया वहां से ज़िला अस्पताल पहुंचाया गया, दिल्ली में उनके बड़े भाई को भी इत्तिला कर दी गई सब पहुच गये ।बात आपरेशन की हुई ब्रेन हमरेज हुआ था खर्चे पर सबने एक दूसरे का मुंह देखा अगर हीरालाल ठीक होकर कर्ज़ा लौटने की हैसीयत रखते तो कोई भी पैसे लगा देता पर सब हकीक़त जानते थे इसी लिये सब ने पिंड छुड़ाया और दिल्ली के सरकारी अस्पताल में ले जाने को कहा बड़े भाई ने भी दुनियादारी में हां कहा एम्बुलेंस की गई ।हीरालाल की ज़िन्दगी से ज्यादा सब को अपना जीवन चलाने की चिंता हो गयी कहां से कैसे और किस तरह से क्या किया जाये गा यही सोच रहे थे हीरा लाल के भाई अपने साले को फोन किया कहा कुछ हो सकता है साले ने अपने दोस्तों को फोन किया क्या कुछ कर पाऊगे दोस्तों ने अपने जुगाड़ लगाये की सर कर दो हमारे दोस्त का अज़ीज़ है मैने कभी अपने लिये तो कुछ नहीं कहा .. हीरा लाल दिल्ली आ गये किस्मत से दाखिला भी हो गया .
रात को हीरा लाल के भाई का साला भी आगया तभी डाक्टर ने कुछ टेस्ट बता दिये फिर बात पैसो पर थी पर साथ ही रिश्तो की शर्म भी थी कैसे और किससे साले ने पर्चा ले लिया कैमिस्ट की दुकान पहुचा समान लिया बिल 4200 का बना बिल देते वक्त उसने कहा चलो इससे ज्यादा कोई और क्या करेगा ।
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