मर्दर डे-मा
मर्दर डे
मां.....क्यों चली गई
बहुत याद आती है
आंख अक्सर भर जाती है
कुछ कहूं ,कुछ करूंतेरी शबी नज़र आती है
आज मलाल है तेरे जाने
आज मलाल है तेरे जाने का
तेरे लिए कुछ न कर पाने का
मैं नाकारा रहा निक्मा रहा
फिर भी तेरा दुलारा रहा॥
वो शब्द अब भी गूंजते है
मैं चली जाऊंगी जब पता चलेगा
वो शायद तब मज़ाक था पर
उस हकीक़त का एहसास अब हो रहा है...
सच मैं मां बहुत याद आती है
मां.....क्यों चली गई
बहुत याद आती है
आंख अक्सर भर जाती है
कुछ कहूं ,कुछ करूंतेरी शबी नज़र आती है
आज मलाल है तेरे जाने
आज मलाल है तेरे जाने का
तेरे लिए कुछ न कर पाने का
मैं नाकारा रहा निक्मा रहा
फिर भी तेरा दुलारा रहा॥
वो शब्द अब भी गूंजते है
मैं चली जाऊंगी जब पता चलेगा
वो शायद तब मज़ाक था पर
उस हकीक़त का एहसास अब हो रहा है...
सच मैं मां बहुत याद आती है
Comments
जबाब नहीं निसंदेह
यह एक प्रसंशनीय प्रस्तुति है
धन्यवाद..साधुवाद..साधुवाद
satguru-satykikhoj.blogspot.com
ham to fan ho gaye....
KARTIKAY MITTAL
aka
BORED MIND
www.boredmindnsoul.blogspot.com
ऐ मां तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी......सतीश कुमार चौहान भिलाई
satishkumarchouhan.blogspot.com
satishchouhanbhilaicg.blogspot.com