कटधरे में किसान (theatreartisteofindia)



         THEATRE ARTISTE OF INDIA
                   नाटक- कटघरे मे किसान
                लेखक – निर्देशक – हैदर अब्बास नकवी
         VENUE- PRAGATI MAIDAN
MINISTRY OF AGRICULTURE- 14TH- 27TH NOV 2012

CHARACTER
1)VAKIL-
 2)BRIJ VATS
3)JUDGE
4)NARESH VATS
5)KISAN-1
6)KISAN-2
7) VILLAGER
8) VILLAGER
PROPERTY- COURT ROOM (TWO WITNESS BOXES ONE JUDGE TABLE CHAIR)
( कोर्ट का सीन..दोनो तरफ कटघरे एक तरफ एक किसान दूसरी तरफ दो तीन किसान और जज )
आवाज़(पीछे से )- आज की कार्यवाई शुरू की जाए
जज- आज का पहला केस गाव सिरोह ज़िला चंदौसी के रहने वाले किसान नरेशवत्स और सिरोह गांव के ही किसान ब्रिज वत्स पुत्र रमेश वत्स का है । नरेशवत्स का कहना है कि ब्रिजवत्स अपनी खेती की ज़मीन का इस्तमाल अजीबो ग़रीब चीजो में करता है और खूब धन दौलत कमाता है वहीं ब्रिज वत्स का कहना है कि वो सिर्फ नई technology  के प्रयोग और सूझबूझ से काम के बदौलत यहां तक पंहुचा है  ..(किसान की तरफ देखती हुई)
 जज-क्या आपने अपनी बात रखने के लिए कोई वकील किया है ।
किसान – हां जी किया  है
किसान 2- कहा था उस राजेश खन्ना को मत करना
जज- कहा है आपका वकील....
पीछे आवाज़- जी मैं हूं ..मैं हूं ...( एक आदमी एंटर करा है )
किसान- (उसे पकड़ते हुए ) अबे वकील सफेद पेंट तो पहन कर आता सफेद पजामा पहन कर आ गया
वकील – है तो सफेद ही
जज- तो आप हैं नरेश वत्स के वकील
वकील- जी मैं हूं गरीबों का मसीहा ।
      इंसाफ की देवी को करता हूं प्रणाम
     नांम है राजेश खन्ना लोग कहते है मुझको काका रे..पुष्पा...
जज- आडर ऑडर वैसे ही हम बहुत लेट होगए है । बच्चों को प्ले स्कूल से भी लाना है खाना भी बनाना है  इसलिए जो दलील देनी है वो ज़रा जल्दी किजिए..
वकील- जज जी यों तो केस बहुत विचित्र है ।एक तरफ इनको देखिए ..मुरझाए हुए चेहेरे , तंग हाल .. मनहूस सूरतें ..फटीचर.. फकीर , ग़रीब... हाथ देखिए कितने गंदे
किसान(गला पकड़ते हुए)ओए इसी हाथों से गला घोंट दूगां । हमारा वकील है और हमारी ही इज्जत उतार रहा है
वकील ( दबी हुआ आवाज़ में) कहना पड़ता है माहौल के लिए ..और दूसरी तरफ देखिए..चेहरे पर रौनक , अच्छी सेहत, खुशहाल ज़िन्दगी एक चमक... ऐसा लगता है एक तरफ मंडी हाउस के सघर्ष करने वाले लोग है और दूसरी तरफ किसी बड़े चेनल में मोटी तनखाह उठाने वाला कोई आदमी ।
जज- तो इसमें विचित्र क्या हुआ
वकील- खामोश-
जज- (गुस्से मे) वो नहीं बोलना अगर अगर एक बार फिर आपने वो सब देहराया तो चप्पल से मारूंगी और आप पर कोर्ट की अवमाना का आरोप लगा कर आपको सज़ा ए मौत का एलान कर दूंगी ....अजीब क्या है ये बताइये..
वकील- माफी चाहूंगा ज़रा भावनाओं में बह जाता हूं विचित्र ये हैं कि ये सब एक बाप की औलाद है यानि रमेशवत्स के बेटे। इनके बाप ने सब को बराबर की ज़मीन बांटी ।ये लोग मेहनत करते रहे,कर्ज़ उठाते रहे फिर भी ज़मीन में पैदावार और इनकी हैसियत गिरती रही वही ये ब्रिज वत्स ने न जाने किन के साथ मिल कर अपनी ज़मीन का न जाने कौन सा धंधा करने लगा जिससे इसकी आमदानी और खेती दोनो लहलहाने लगीं। ऐसा आदमी जो अपने भाईये के साथ गद्दारी करे और अपनी ज़मीन के साथ धोखा उसे कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
जज- (ब्रिज)- आप पर जो आरोप लग रहे है ? अपने बचाव में क्या आपने कोई वकील किया है ..
ब्रिज- मैलॉड मैने कोई गद्दारी नहीं की और न ही अपनी ज़मीन के साथ धोखा मैने सिर्फ सिर्फ टैक्नॉलोजी का इस्तमाल किया और.. मैं अपना मुकदमा खुद लडूंगा..
वकील- हा हा तुम लड़ेंगे..जानते हो मैं,
जज- खामोश अगर फिर बताया कि तुम कौन हो..
वकील- सॉरी ....लड़ लो लड़ लो..
जज- (गुस्से में) कार्यवाई शुरू किजिए वैसे ही बहुत लेट हो गए...
वकील-मैलॉडये केस बस यूं शुरू हुआ और यूं ही खत्म हो जायेगा ( किसान के पास जा कर) आप हमे ये बताइये आप की और इनकी स्थिति में कब से बदलाव आने लगा ।
किसान – मैलॉड हमारे बापूजी ने हम सब को बराबर से ज़मीन दी थी । हम सब उसमें बराबर से मेहनत करते थे और सब की पैदावार एक जैसी थी ।लेकिन एक दिन हमने देखा इस ब्रिज ने अपने खेतों मे कुछ लोगों को बुलाया वो इसकी ज़मीन को देखने लगे उन्होने खेत की मिट्टी को भी उठाया और एक बैग में रख कर चले गए । फिर कुछ दिन के बाद से ही इस की ज़मीन में बदलाव आने लगा ..।
वकील- क्यों नही बदलाव आता क्योंकि वो ज़मीन अब विदेशी ताकतों के हाथ बिक चुकीं है उसमें हो न हो आईएसआई का हाथ है ये दौलत विदेशी रास्ते से आती हैं।और मेरा दावा है उसमे परवेज़ भाई का हाथ है.
सब लोग – परवेज़ भाई,परवेज़ भाई
जज- ये परवेज़ भाई कौन हैं
वकील(बाल को झटका देते हुए) मुश्शू—परवेज़ मुशरफ..
ब्रिज- नहीं उसमे किसी परवेज़ भाई का हाथ नहीं है मैने अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण कराया जांच कराई जिससे मुझे पता चला कि मेरी ज़मीन में nitrogen, phosphorous,potash किस पोषक तत्व की कितनी कमी हैं। इसमें मैने उर्वकों की सही मात्रा का उपयोग किया ।
वकील- ब्रिजबाबू अदालत सबूत मांगती है ...
(ब्रिज कमीज़ मे हाथ डालता है वकील डरता हुआ आदलत में शोर...)
वकील – अबे बंदूक ..गोली मारे गा ( जा कर कटघरे मे छीप जाताहै) आंखे बंद कर के मम्मी नहीं नहीं मुझे नहीं मारो मुझे नहीं मारो..
ब्रिज- ये बंदूक नहीं मिट्टी स्वास्थ कार्ड है जिसे में आदालत में पेश करता हूं..
जज- वकील सहाब ज़रा उठ कर कार्ड दिजिए..
वकील – हां हा ठीक है ठीक है..
ब्रिज-मैलॉड इतना ही नहीं मैने अपने खेत में हरी खाद की फसले लगाई जैसे ढ़ैंचा और सनई और फिर इनकी पलटाई कर दी । मैने जैवीक खादे जैसे ,कैंचुएं की खाद का काफी प्रयोग किया,जिससे मेरे खेत की मिट्टी और उपजाऊ हो गई साथ ही मैने अपनी ज़मीन के अनुसार सही फसल का चुनाव किया और उसके उन्नत किस्म के बीज का इस्तमाल किया।
वकील- बहुत जागरूक किसान हो चलो ये सारी जानकारी है तुम्हारे पास । इस बात पर यकीन कर भी ले लेकिन हमारे पास जो सबूत है उसके आगे तुम्हारी जानकारी कुछ नहीं..( किसान के पास जाते हुए..) हां बताईये..,,
किसान – जज साहब ब्रिजो ने अपने खेत के पास एक गड्डा खोद लिया और फिर जब बरसात आई उसमें पानी जमा होने लगा ..फिर इसने उसमें मछली के अंडे डाल दिये  ..और देखते देखते उसने गड्डे के ऊपर एक मचान बना कर ढ़ेर सारी मुर्गी छोड़ दी... अब बताइये ये हमारे बाप की ज़मीन में ये सब करेगा
वकील- जजसहाब कौन किसान अपने खेत को बराबाद कर के उसमे गड्डा खोदेगा वो गड्डा नहीं... दूसरे मुल्क में जाने वाली सुरंग है और मछली और मुर्गी लोगों की आंख में धुल झोंकने के लिए है ।(बाल को फिर झटका)
किसान(आपस में) ये बाल को इतना झटका क्यों देता है बाल तो हैं नहीं सिर पर... ,,
किसान 2- अमरीश पूरी है फैन है ...
वकील (मुस्कराते हुए) है कोई जवाब..
ब्रिज- वो integrated खेती है यानि खेती के साथ आप  मछली पालन ,मुर्गीपालान कर सकते है । मैने तालाब के किनारे किनारे मक्की की फसल लगाई जिसके दाने मुर्गी के चारे का काम करते हैं और मुर्गी की बीट जो तलाब में गिरती है वो मछली के चारे का काम करती हैं इससे मछली का उपादन बढ़ता है और आमदनी भी होती और खेती के लिए पानी की कमी भी नही और भईया जो आपकी मुझसे लगी हुई ज़मीन में हरियाली आ गई है वो भी उसी तलाब की बदौलत है । वैज्ञानिकों ने जो तरीके बताए हैं मैं सिर्फ उसका पालन करता हू जज जी कब क्या कराना है कैसे फसल को बचाना है सब जानकारी लेकर में काम करता हूं,,
वकील – जज सहाब ये बहुत चलाक है लेकिन इस सवाल से इसकी चलाकी एकदम खत्म और इस अदालत मे ये खुल जाएगा कि कैसे इसने दौलत कमाई बताओ—
किसान- सहाब हमने देखा कि इसके खेत हरे भरे है कमाई ज्यादा करते हे तो हमे लगा कि ये ज़रूर कोई बढ़िया कीटनाशक और खाद का इस्तमाल करता होगा हम इसके घर चुपके से गये ये देखने के लिए कि ये कौन सी खाद  और दवाई डालता है ।
वकील- तो क्या देखा आपने
किसान –मैडम वहां न कैमीकल फर्टीलाइज़र था और न ही कोई कीटनाशक
वकील – फिनिश केस खत्म ..आजकल क्या कोई किसान बिना कैमीकल फर्टिलाइज़र और कीटनाशक के सहारे के खेती कर सकता है..यानि इसका धंधा गोरख है
किसान – जज सहाब हम तो इतना सारा कैमिकल खाद और अच्छे से अच्छा कींटनाशक ज्यादा से ज्यादा इस्तमाल करके भी कुछ नही कर पाए
ब्रिज-यही ग़लती करते हो तुम लोग। कीटनाशक का प्रयोग तब करना चाहिए जब हानिकारक कीटों को रोकने के और उपाय जैसे प्रतिरोधी किस्में ,मित्र कींटे धीरोमोन ट्रैप, ट्रईकोडर्मा कार्ड जैविक कीट नाशक आदि से हल न निकले साथ ही सही समय पर सही खाद सही कीटनाशक और उसका सही मात्रा में इस्तमाल होना चाहिए हर ज़मीन पर हर खाद हर फसल पर सारे कीटनाशक काम नहीं करते जो मिला वो डाल लिया ऐसे काम नहीं होता ..मैं अपनी ज़मीन की बराबर जांच करता हूं..सही खाद सही दवाई का इस्तमाल कराता हूं..आईपीएम का सहारा लेता हूं वक्त पर कटाई करता हूं और वैज्ञानिक भंडारण का इस्तेमाल करता हूं जिससे ठीक वक्त पर अच्छी किमत मिलने पर अच्छा मुनाफा कमा सकूं..
वकील- बहुत हो गया अब..... मेरे चेहरे पर क्या लिखा है.... मैं वो हूं नहीं .....अब रामबाण ... निकालना ही होगा..ये आपका कॉल रिकॉरड है ..जानती है मैडम शरीफ और हमें ज्ञान देने वाला है ये आदमी एक दिन में 10 बार 15 बार, महीनो के तीसों दिन और साल के 365 दिन लगातार एक नंबर में बात करता है..मैडम एक किसान अगर इतनी बात किसी से भी करेगा तो उसका दिवाला  फोन बिल देते निकल जाएगा यानि इसका करोड़ा का धंधा है तभी तो इनती .. बाते हैं ..और वो नंबर मैं आज अदालत में बतातने जा रहा हूं  18001801551..
क्या इस नंबर पर आप फोन करते हे ..बताईये 18001801551 में फोन करते है..बताईये क्यो खामोश है
जज- ब्रिज आपकी खामोशी आप को मुजरिम करार दे सकती है
वकील – बताइये आप 18001801551 पर फोन करते है..
ब्रिज- हां मैं 18001801551 पर फोन करता हूं..
वकील ( किसान के पास जाते हुए0 जीत गये
ब्रिज- ये किसान कॉल सेंटर का नंबर है यहां खेती संबन्धी बाते और जानकारी 365 दिन मिलती है वो भी एकदम मुफ्त..और अपनी भाषा में। मैं यहीं से सारी जानकारी लेता हूं...18001801551 किसान कॉल सेंटर का नंबर है और हर किसान को याद है..
जज- और कोई सवाल है आपका
वकील- नो
जज- तो अदालत इस नतीजे पर पहुची कि ब्रिज वत्स ने कोई ग़लत काम नहीं किया। उसने सरकार जो जानकारी और टैक्ऩॉलजी का इस्तमाल करने को कहती है वो किया और अपने क्षेत्र अपने पिता का और आप सब का नांम ऊंचा किया
सब कहते है --वाह भई वाह..
जज – हां वकील साहब आखिरी बार आप बोल दे..
 वकील..के साथ सब रीपीट करते हैं..
- मैं हूं गरीबों का मसीहा ।
      इंसाफ की देवी को करता हूं प्रणाम
     नांम है राजेश खन्ना लोग कहते है मुझको काका रे..पुष्पा





    

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