काश.....
दिल में ग़म
आंखे नम
किससे बयां करूं अपना हाल
कौन सुने मेरी
कौन है मेरा
अपनो को मैने छोड़ा
औरों ने मुझको को छोड़ा
कैसे चलूं मैं इस पथ
जिसमे बसी है तेरी याद
वो याद जो रहती हर पल मेरे साथ
काश तो होती मेरी और मै होता तेरा...
काश..काश ...काश...
आंखे नम
किससे बयां करूं अपना हाल
कौन सुने मेरी
कौन है मेरा
अपनो को मैने छोड़ा
औरों ने मुझको को छोड़ा
कैसे चलूं मैं इस पथ
जिसमे बसी है तेरी याद
वो याद जो रहती हर पल मेरे साथ
काश तो होती मेरी और मै होता तेरा...
काश..काश ...काश...
Comments
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जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।