लुटरों ,चोरों औऱ हत्यारों की दिल्ली.....thanks to bihar

लुटरों ,चोरों औऱ हत्यारों की दिल्ली.....thanks to bihar

कहते हैं दिल्ली कई बार लुटी औऱ बसी ..ये बात पहले भी सही थी आज भी सही है .आज भी दिल्ली रोज़ लुट रही है ..रोज़ यहां डाका डाला जा रहा है रोज़ यहां हत्याए और वारदाते हो रही हैं... क्या मैं क्या वो सब एक खौफ के साये में जी रहे हैं...आए दिन यहां अवैध कब्ज़े हो रहे हैं... मुबंई की तरह दिल्ली में भी बिहारियों का बोल बाला होता जा रहा है..नतीजा बिहार में अपराधिरक आकडे कम हो रहे हैं ... और दिल्ली के आकडे बढ़ते जा रहे हैं...

कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने साफ साफ बिहारियों का नाम भी लिया था पर राजनीति के चलते माफी मागनी पड़ी ... जितनी तेज़ी से आबादी बढ़ रही है उतनी हमारे पास फोर्स नही है जिसके कारण इन पर लगाम लगाना मुश्किल होता जा रहा है,,,,

आइये पिछले कुछ दिनो में दिल्ली मे हुई वारदातों के बारे में आपको बताए...घर सड़क,बाज़ार,ट्रेन कहीं भी दिल्ली वाला सुरक्षित नहीं है ..कोई है जो उन्हे देख रहा है उनके समान पर नज़र रखे हुए है...

16 दिसंबर 2009 दिल्ली का आशोक विहार इलाका.. जौहरी पूरणचंद बंसल के डेढ़ करोड रूपये का बैग लेकर बदमाश फरार हो गए.. उन पर, उनकी कार पर बदमाशो की नज़र पहले से थी जैसे ही वो कार में बैठे बदमाशों ने पिस्तौल दिखा कर बैग छीन लिया।

15दिसंबर2009 –सहित्यकार निर्मल वर्मा का घर निशाने पर था ..उनके यहां से गहने और साथ ही उनका पद्मभूषण सम्मान को भी चोर ले गए ये वारदात दिल्ली के पूर्वी इलाके पटपडगंज की है..शक घर के नौकर पर है ।

2नवम्बर2009- आजादपुर मंडी..करोडों का कारोबार होता है ..और कई बिहारी काम करते हैं.. पर 2नंवम्बर को बदमाशों ने रूपए ले जा रहे दो लोगो को गोली मार दी एक की मौके पर मौत हो गई और दूसरा ज़खमी है ..और ऐसे हादसे मंडी में रोज़ की बात है । ये दिल्ली का उतरी इलाका है ....

27 सिंतबर 2009 को ऐसा हुआ जो पहले सिर्फ फिल्मों में होता है ..शाम को कालका से दिल्ली आ रही ट्रेन पर 6 -7 हथियारबंद लोग चढ़ गये और लोगों को बंधक बना कर लूट लिया..ये ट्रेन हिमालयन क्वीन थी...

इस साल नंवबर तक दिल्ली में लूटपाट की 440 वारदात ,बलात्कार के 400 केस
हत्या के 478 झपटमारी के 711 और डकैती के 26 मामले दर्ज हुए हैं....

जब तक दूसरों राज्यों से लोग यहा आ आ कर बसना बंद नहीं करेगे। उनका ट्रेक रिक़ॉर्ड नहीं रखा जाएगा ...तब तक ऐसी वारदातों को रोक पाना पुलिस के बस की बात नहीं..अगले साल खेलों का आयोजन है विदेशी और देशी सैलानियों को बड़े पैमाने पर आना है।
ऐसे में यही हाल रहा तो दिल्ली के साथ देश का भविष्य भी खतरे में है ।पुलिस पूरी तरह नाकाम हो चुकी है । अगली बार आप दिल्ली आये है तो ज़रा संभल के....ये दिल्ली है मेरी जान .लूट, झपटमारी,चाकू ,बंदूक किसी के भी आप हो सकते हैं शिकार...

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