आज भी इंतज़ार है....

आज भी इंतज़ार है....

किनारों पर बैठ के लहरों का इंतज़ार है
रूठे हुए दोस्त के मुस्कुराने का इंतज़ार है
पंछियों ने भरी अपनी आखिरी उड़ान है
हमको भी अपने घौसले का इंतज़ार है।।

देखो कही उनके सितम कम न हो जाए
हौसले हमारे कहीं पस्त न पड़ जाए
हर के बात पर हर बात का ख्याल है
सपनो की नगरी में सौदागर का इंतज़ार है।।

अब तो हुई देर, अब तो आजाओ
देखो ये कौन सा है देश अब तो आजाओ
यहां पर एक अजब सी ही बात है
हर एक को किसी का इंतज़ार है ।।

लो ये लौ भी बुझा दी
ज़िन्दगी में अपनी अंधेरों को जगह दी
आखें जो झपके कसम तुम्हारी है
किसी बात का शिकवा करूं कसम तुम्हारी है
ये आखिरी पन्ना है कहानी आखिरी है
शान की ज़िन्दगी का ये ही हाल है
सच कहूं तुम्हारा आज भी इंतज़ार है ।।

शान...

Comments

Amitraghat said…
बढ़िया लिखा है..."
Anonymous said…
Super ... !!! That's SHAN

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