देश में दो महत्वपूर्ण काम शुरू..

देश में दो महत्वपूर्ण काम शुरू..

देश में सब को मिले शिक्षा हर बच्चा पढ़े लिखे अगर ये काम सफल हो जाए तो भारत में समाजिक बराबरी हासिल होने के लिए समझो पथ बन जायेगा । इस कानून के तहत 6 से 14 साल के बच्चों लिए शिक्षा का मौलिक अधिकार होगा । मान्यता प्राप्त हर प्राईवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें रिर्ज़व होंगी।देश में अभी तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा ऐसे बच्चे है जो स्कूल नहीं जाते । इतनी बड़ी तादाद में बच्चों के लिए नए स्कूलों और शिक्षकों की ज़रूरत पडेगी ।इन सब का इंतज़ाम केन्द्र और राज्य सरकारों को करना होगा एक उज्जवल भविष्य के लिए।
केन्द्र सरकार ने नए स्कूल खोलने के लिए डेढ़ लाख करोड़ रूपए देने के लिए कहा है अगले तीन साल में में ये स्कूल खोले जाएगें।
अगले पांच लाख में 15लाख नए टिचरों को ट्रेनिंग दी जाएगी।इसमें होने वाले खर्च में केन्द्र औऱ राज्य सरकार की 65 और 35 फीसदी भागीदारी होगी। इस कानून की राह मुश्किल बहुत हैं..पहली मुश्किल तो उत्तरप्रदेश की मख्यमंत्री मायावति उन्होने कहे दिया कि राज्य सरकार के पास पैसा नही है अपने हिस्सा का पैसा देने के लिए। निजी स्कूल इसमे काफी अड़चने पैदा कर रहे हैं। महत्वपूर्ण बात ये भी है कि मौजूदा स्कूलों की बद से बदतर हालत है तो नए स्कूलों का क्या होगा..पर हर बच्चो के लिए उम्मीद का एक दरवाज़ा खुला है .. दुआ करते हैं जब बच्चे इस के अंदर जाए।
शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल ने काफी प्रभावी कदम उठाए हैं।
दूसरा कार्य जो देश में शुरू हुआ 15वीं जणगनणा। पहले दौर में घरों की गिनती की जाएगी ।और दूसरे दौर में लोगों की .इस बार लोगों की समाजिक आर्थिक हैसियत का भी जायज़ा लिया जाएगा-हर इस्तमाल करने वाली चीज़ो के प्रशन पुछे जाएगे..जैसे मोबाइल फोन ,इंटरनेट आदि..पहले 6 राज्यों में गिनती की जाएगी । 640 जिलो की 5757 तहसीले तकरीबन 7742 शहर 24 करोड़ घरों की सूची तैयार की जाएगी।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में हर भारतीय का ब्योरा होगा। जनसंख्या रजिस्टर के लिए हर नागरिक की तस्वीर ली जाएगी .उसके दसों उंगलियों के बायोमेट्रिक निशान लिए जाएगे और फिर बनेगा हर नागरिक का यूनिक आइडेंटिफिकेशन कार्ड यानि विशेष पहचान पत्र .। इसमें नाम पते के अलावा और 15 तरह की सूचना होगीं ।15 साल के उपर हर व्यक्ति का नाम शामिल किया जाएगा..ये पहचान पत्र आने वाली सरकारी योजनाओ और सेवाओं के काम आएगा..जिससे काफी हद तक फर्जीवाड़े कम हो सकते हैं.. इसी सफलता की हम उम्मीद करते है।

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