ऱूख्सत
ऱूख्सत
मुझ को दर्द है ज़माने से
मैं यूही ग़मगीन रहता हूं
तुझसे मिलना है हसरत मेरी
हर शाम ये सोच कर सोता हूं।।
दर्द का रिशता पुराना है
अश्कों का दरिया बहाना है
मैं कई बार टूटा यूही
इस बार टूट के बिखर जाना..।।
न संभालो मुझको
न दो सहारा
दूर कर दो साहिल को
अब की बार मुझको डूब ही जाना है।।
कई बार चढा, कई बार उतरा
रंग हिना का हाथो से
इस बार खून- ने- रंग को भी आज़माना है ।।
मुझसे नफरत करो तो कर ले ऐ दोस्त
मुझसे गिरया करे तो न कर ऐ दोस्त
मुझसे रश्क करे तो कर ले ऐ दोस्त..
मुझसे गमोरंज करे तो न कर ऐ दोस्त..
बहुत हुई नमाज़े शुक्रआना..
शुक्र अल्लाह का कर के जाता हूं..
फिर न आऊंगा इस दुनिया में ऐ शान”
पढ़ दो ऐ दोस्त मेरा नमाज़े जनाज़ा ।।
शान,,
मुझ को दर्द है ज़माने से
मैं यूही ग़मगीन रहता हूं
तुझसे मिलना है हसरत मेरी
हर शाम ये सोच कर सोता हूं।।
दर्द का रिशता पुराना है
अश्कों का दरिया बहाना है
मैं कई बार टूटा यूही
इस बार टूट के बिखर जाना..।।
न संभालो मुझको
न दो सहारा
दूर कर दो साहिल को
अब की बार मुझको डूब ही जाना है।।
कई बार चढा, कई बार उतरा
रंग हिना का हाथो से
इस बार खून- ने- रंग को भी आज़माना है ।।
मुझसे नफरत करो तो कर ले ऐ दोस्त
मुझसे गिरया करे तो न कर ऐ दोस्त
मुझसे रश्क करे तो कर ले ऐ दोस्त..
मुझसे गमोरंज करे तो न कर ऐ दोस्त..
बहुत हुई नमाज़े शुक्रआना..
शुक्र अल्लाह का कर के जाता हूं..
फिर न आऊंगा इस दुनिया में ऐ शान”
पढ़ दो ऐ दोस्त मेरा नमाज़े जनाज़ा ।।
शान,,
Comments
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी