मुसलमान औरते सिर्फ बच्चे पैदा करे ..कहने वाले धर्म गुरू को जानिए..



मुसलमान औरते सिर्फ बच्चे पैदा करे ..कहने वाले धर्म गुरू को जानिए..
ये बात कही मौलाना कल्बे जव्वाद ने..
कल्बे जव्वाद लखनऊ में रहते है ।महिला आरक्षण के बाद से उनके औरतों के विरोध में बयान आना शुरू हुए। पहले एक टीवी चैनल पर उन्होने कहा औरतों को चुनाव के दौरान लोगों से मिलना होगा भीड़ में जाना होगा जिसकी इस्लाम इजाज़त नहीं देता इसलिए राजनीति में आना इस्लाम के खिलाफ है । इस पर यूपी सरकार और मुलायम सिंह ने उनकी पीट थपथपाई तो उनमें और हिम्मत आ गई और कहे डाला औरतों का काम सिर्फ बच्चे पैदा करना है वो वही करें ..राजनीति में आ कर क्या करें गी।
मौलाना सहाब अभी तो मुस्लमान औरतों को आरक्षण मिले गा या नहीं इस पर ही बहस हो रही है उस पर आप इस्लाम की दुहाई देकर उन लोगों का हाथ मज़बूत कर रहे हैं जो चाहते ही नहीं कि आपकी कौम आगे बढ़े.. और हमे लगता है आप भी नहीं चाहते कि कौम आगे बढ़े..तभी तो आपकी दुकान भी चलती रहे गी ..विदेशों से गरीब कम पढ़े लिखे लोगों के लिए पैसा आता रहे गा और आपकी तोंद मोटी होती रहे गी ।जिस प्रदेश में आप रहते हैं वहां तो वैसे ही इस बिल का पास होना मुश्किल है और लगता है आपको भी मोटी रकम पहुंच चुकी है तभी इस्लाम की आड़ लेकर आप अपनी राजनीति की ज़मीन तैयार कर रहे हैं.।
जी ये मौलाना साहब खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं और अपनी पार्टी भी बनाने की फिराक में है या फिर बना भी ली होगी ऐसे में जिसकी खुद की राजनीतिक ज़मीन कमज़ोर हो वो कैसे बर्दाशत कर सकता है कि उसकी कौम की औरत राजनीति में आगे आए।
आपके के घर की औरते कहां कहां है वो भी आप लोगों को बताए तो शायद आपकी मंशा साफ दिखे कि ये किसी धर्मगुरू का बयान नहीं किसी राजनीतिज्ञ का बयान है ।
लोगो को बताता चलू अभिषेक की शादी में एक औरत ने सबकी नाक में दम कर दिया था हाथ काटना और अभिषेक से शादी करने में आमादा थी ये घटना आप लोगो के ज़हन में होगी ..वो औरत कोई और नही मौलाना साहब कि रिश्तेदार ही थी ... मौलाना साहब के खानदान की औऱते हिन्दुस्तान मे काफी ऊंचे और महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं । इससे ये बात तो साफ होती है कि मौलाना साहब की अपने घर में तो चलती नहीं ..हां राजनीति में अपने को चलाने के लिए इस तरह के छोटे बयान देकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं ।
मौलाना साहब आप इस्लाम को ज्यादा जानते हैं तारीखों को भी ..मैं आपको राजिया सुलतान और बेगम हजरत महल का उदाहरण नहीं दूंगा ।

मैं आपसे जानना चाहूगां मौहम्मद साहब(स.व) की बीवी क्या तीजारत नहीं करती थी उस वक्त की बिज़नेस वुमैन नहीं थी ..तो बिज़नेस बिना लोगों से मिले होता है । शायद बीबी आय़शा की जंग को आप न माने पर कर्बला में इमाम हुसैन(स.व) के बाद इस्लाम का परचम बीबी जैनब ने ही उठाया था और आज जो इस्लाम है ज़िदा है वो बीवी जैनब के बयानो की बदौलत ही । आप जैसे मुलानाओ ने हमेशा से तारीखों को अपने हिसाब से सुनाया और बताया है । और इरान में क्या क्या होता है अगर इसकी आप बात न करें तो बेहतर होगा ।
हिन्दुस्तान में कौंम बहुत बुरे दौर से गुज़र रही है ..मुस्लमान आदमियों को अपने हक अपनी पहचान के लिए संधर्ष करना पड रहा है औरतों के हक और हूकूक की बात तो बहुत दूर है ।आपको राजनीति दलों की चमचागिरी करनी है तो किसी और तरीके से करें ।कौंम आपकी शुक्रगुज़ार होगी कि आप कौम के उलेमा ही रहे नेता न बने।।

Comments

इतना सब कुछ लिखने की जरूरत क्या है बस इतना लिख दीजिये कि अगर बेवकूफ़ों का महाराजा देखना हो तो इसको देख लीजिये। ऐसे लोगों की अगर चमड़ी भी उधेड़ ली जाए तो इनके लिये दंड कम होगा
नक्शे पर पड़ी धूल साफ करने के लिए धन्यवाद!
Gyanesh said…
मौलाना साहब के साथ साथ मीडिया भी उतना ही दोषी है, जो ऐसे उल-जुलूल बयानों को तरजीह देता है.

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