सानिया मिर्ज़ा ने सब कुछ पा कर भी क्या किया....

सानिया मिर्ज़ा ने सब कुछ पा कर भी क्या किया....

आज न जाने समाज में अकसर कही जाने वाली बात ज़हन में आ रही है कि लड़किया तो पराई होती हैं ।उनको तो चला ही जाना है पर बदलते समाज के साथ लोगों की सोच भी बदली इस मुद्दे पर बहस हुई..और सबने कहा नहीं लड़कियां पराई नहीं होती ।पर जब से ये खबर आई कि सानिया और शौऐब मलिक की शादी हो रही तब से फिर यही बात ज़हन में कौंध रही है ...
सानिया हमारे मुल्क की है इस लिए पहले बात उनकी और उनके इस फैसले की क्या सानिया का ये फैसला सही है?
क्या सानिया की शादी सफल रहेगी?
अब तक के उदाहरण को देखते हुए समाजिक और इंसान के हावभाव को समझने वाले मानते है कि ये शादी सफल नही हो पाएगी ..एक दो या ज्यादा से ज्यादा तीन साल में ये रिश्ता टूट जाएगा और रिश्ता तोड़ने में सानिया को ज़रा सा भी कोई एहसास नही होगा क्योंकि उनके लिए हर रिश्तों को निभाने से ऊपर वो खुद हैं..मतलब वो हर चीज़ में अपने को ज्यादा तरीज़ह देती है बनिस्बत दूसरों कि भावनाओ को.. आप को अगर याद हो पाकिस्तानी औपनर मोहसिन खान रीना रॉय की शादी ..बड़ी धूम धाम से हुई थी पर नतीजा आप लोगो के सामने ,इमरान खान की शादी को देख लिजिए.. नहीं चल पाई और भी कितने उदाहरण है ..क्योकि कुछ वक्त काटना अलग बात है कुछ देर किसी की बातों से मन बहलाना अलग बात है कुछ देर किसी के कंधे पर सर रखना अलग बात है कुछ देर के लिए मुस्कुराना अलग है पर जब शादी होती है तो उसको निभाने के लिए उसके पीछे एक पूरी परंम्परा होती है और परम्परा निभाने के लिए रिश्तों में सब्र की ज़रूरत पड़ती है .चांद औऱ फिज़ा टीवी पर अच्छे लगते हैं पर जब फिज़ा बदलती है तो चांद कहां गायब हो जाता है पता भी नहीं चलता ...
शौऐब मलिक तो वैसे ही बहुत कमज़ोर आदमी है ..वो अपना देश अपना घर ज्यादा देर नहीं छोड़ सकता उस जैसे लड़के आपको दिल्ली के जामा मस्जिद सीलमपुर लखनऊ के चौक बरेली के बाज़ार और हैदराबाद के चार मिनार पर रोज़ खड़े मिल जायेगें.. बस कुछ किसमत शौऐब की अच्छी रही कि खिलाड़ी बन गया और बाद में कप्तान अभी तो बैन है आगे देखिए क्या होता है । इस देश ने सानिया को सब कुछ दिया खुला वातावरण हर चीज़ में इज्ज़त हर बात में साथ हर वक्त मौका । आपको याद होगा हैदराबाद की मस्जिद पर जब सानिया कोई ऐड कर रही तो विवाद हो गया उस वक्त पूरा देश उनके साथ हो गया क्या जब वो पाकिस्तान की बहू बनेगी तो क्या उन्हे इतनी आज़ादी मिले गी.शायद बहुत मुश्किल है सानिया अभी समझ नही रही होगी छोटी छोटी बाते कितना बड़ा फासला खड़ा कर सकती है शायद वो नहीं जानती और वो भी तब जब जिससे वो शादी कर रही है उसमें हिम्मत ही न हो साथ देने की। दुआ तो हम ये ही करेगें कि दोनो की शादी सफल रहे पर उम्मीद कम है ।अंत में ये ही सानिया मिर्ज़ा ने सब कुछ पा कर भी क्या किया....शादी वो भी शौऐब से

Comments

व्‍यक्ति शादी अपने सम्‍प्रदाय में ही करना चाहता है, तो सानिया ने भी यही किया है। वो बात अलग है कि आज पाकिस्‍तान हमारा दुश्‍मन बना हुआ है और शायद कट्टरपंथी ताकतों के हाथों में ही खेल रहा है। ऐसे में स्‍वतंत्रता वो भी महिला को, यह तो नामुमकिन है। लेकिन क्‍या करें, कुछ लोग देश से बड़ा सम्‍प्रदाय को मानते हैं। सानिया ने भी वही किया है जो ऐसी मानसिकता के लोग कर रहे ह‍ैं।
kunwarji's said…
aap ki baat me dum to hai .
lekin ye uska vayactigat jeevan ka hissa hai jis par kewal usi ka adhikaar hona chaahiye!kuchh sanskaar bhi hote hai.....
Shrimaanji, agar koi jaanbhoojhkar gadde mein girna chahe to usme aap our hum kya karenge.

Aapne sakaratmak likha iske liye badhai.
Amitraghat said…
"इंसान को हमेशा खुश रहना चाहिये सानिया खुश हैं और हमें क्या चाहिये..........."
good advice, don't thing she will listen you bcz. vinash kale viprit budhi.
and shame on his father who is not able to tell her the truth.
but article is appriciated because of your humble suggestion and advise on the forsightedness.
regards
tyagi
parshuram27.blogspot.com/
Unknown said…
आपने सलाह तो अच्छी दी है, लेकिन ऐसी सलाह मुम्बई की आशा पाटिल को भी दी गई थी, जब उसने लाहौर के महमूद से शादी की थी… अब महमूद की मौत के बाद वह गर्भवती है और उसके ससुराल वाले उसे भारत नहीं आने दे रहे…। इसे कहते हैं संस्कृतियों का अन्तर… कौन समझायेगा लड़कियों को… जो समझाने जाये वह "महिला विरोधी" कहलाये… :)
Sachi said…
सुंदर लेख, और तर्कों की कसौटी पर आपने अपनी बात को रखा है |

ऐसी शादियाँ नहीं चलती, यह तो कोई भी कहेगा, क्योंकि शादी सिर्फ सीवी, आदमी, या परिवार देख कर नहीं की जाती, समाज और संस्कृतियाँ भी विवाह नामक संबंध में समाहित होतीं है|

बधाई|
VICHAAR SHOONYA said…
bahut salike se mere man ki baat kah di apne. Shukriya.
Dev said…
यू तो प्रेम को किसी धर्म, सम्प्रदाय या मुल्क की जन्ज्जीरों में नहीं जकड़ा जाना चाहिए
परन्तु भारत पाक सम्बन्ध हमें कुछ ऐसा सोचने पर मजबूर करते है
यह निकाह सानिया की तरफ से ऐसी सोच से परे भारतीय पहल है जिसका हमे स्वागत करना चाहिए
RAJESH RAJBHAR said…
Sania mirza ko kya mila yeh sab karake kya pure hindustan me ek bhi ladaka nahi mila use kya pure hindustan ke ladake ayogye ho gaye the usake samane, kya koi bhi usake sampraday ka nahi mila sach kahe to sohaib se lakh guna achhe ladake humare hindustan me hai agar pakistan me sadi karana chahati hai dubai me rahana chahati hai to rahe par oh ab hindustan ke liye nahi khel sakati meri yehi rai hai jo des ka nahi oh des ke liye nahi khel sakata hume kisi ka ahsan nahi chahiye, jo samman tha maan me unake liye ab nahi raha.
jis aadmi ki buniad hi joodh se shuru ho wo aagey keya kreyga baki aap samajdar hian
Anonymous said…
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