अरे वो तो बस दुखी ही रहता है

आज मैं दुखी हूं
क्या फिर से तुम दुखी हो
हां फिर से
उफ इस बार क्या हो गया
पता नहीं
पता नहीं ,फिर क्यों दुखी हो
क्या दुख हो तो उसके पीछे कुछ होना ज़रूरी होता
हां जरूरी है ..बहुत ज़रूरी है
बे बात के दुखी होना बेवाकूफों की निशानी है
तो मैं बेवाकूफ ही सही
पर कोई तो वजह होगी
तुम वजह जान कर क्या करोगे
कुछ नहीं पर जानना चाहता हूं
क्यों
मेरी आदत है मेरा शौक है
क्यों क्या करते हो जान कर
मै क्या कर सकता हूं
कुछ नहीं तो ..तो फिर
हां बस तुम दुखी हो ये बात मैं दूसरों को बता दूगां
दूसरों को तुम मेरा दुख ,दूसरों क्यों बताओ गे
मैं तो यही करता हूं
दूसरे क्या जवाब देते हैं
कुछ नहीं वो कहे देते है
अरे वो तो बस दुखी ही रहता है

Comments

Popular posts from this blog

woh subhah kab ayaegi (THEATRE ARTISTE OF INDIA)

33 प्रतिक्षत में आम मुस्लमान औरतों के हिस्से क्या... कुछ नहीं..