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इमरान हाशमी को घर नहीं क्योकि वो मुस्लमान हैं....
इमरान हाशमी को घर नहीं क्योकि वो मुस्लमान हैं.... आज सुबह से खबर चली की इमरान हाशमी को बांद्रा की एक सोसायटी मकान नहीं दे रही है क्योंकि वो मुसलमान है। इमरान हाशमी किस तरह के मुस्लमान हैं ये दुनिया जानती है पर ये मुद्दा बहुत संवेदनशील है .. आज से कुछ अरसे पहले एक टीवी चैनल ने भी कई प्रॉपर्टी डीलरों और सोसायटियों मे जाकर ये पता किया था की क्या सच में मुस्लमान या अल्पसंखकों को माकान आप लोग नहीं देते है..आप सच मानिए वहां से जवाब हां ही आया था... इमारन हाशमी ने आज जो मुद्दा उठाया उससे शायद लोगों की सोच में परिवर्तन आए..पर ऐसा होगा ये मुमकिन नहीं लगता .. बात सन 2,000 की है, मुबंई के आधुनिकता की बातें मैने बहुत पढ़ी थी ,,,और मुबंई जाना एक सपना था और सपना मेरी पहली नौकरी ने पूरा किया ... मेरा और मेरे एक सीनियर का ट्रासफर मुंबई हो गया ।.. कुछ दिन हम कंपनी के गेस्ट हाउस में रहे फिर तलाश जारी हो गयी माकान की ... हर जगह अलग बातें दोनो के नाम पूछे जाते फिर एक से अच्छे से बात की जाती और दूसरे को हीकारत की नज़र से देखा जाता .. हम लोग मीडिया में थे तो ये बात कभी ज़हन में नहीं आती की हम भी हिन्दु या म...
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है
मुझसे एक लड़की बात करने लगी है बुझे दीपों में लौ जलने लगी है मुरझाई कलियां खिलने लगी हैं मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।। रूखा मौसम अचानक सुहाना हुआ है रेत में दरिया नज़र आने लगा है गुलशनो में महक उठने लगी है मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।। सजना संवरना शुरू फिर से किया है खुद को देखना शुरू फिर से किया है हर वक्त मुस्कुराना शुरू फिर से किया है अचानक दिल की धड़कने बढ़ने लगी है मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।। हाल क्या है मेरा इस वक्त न पुछो क्या कर रहा हूं मै इस वक्त न पुछो दुनिया से दूर होने लगा हूं खुद को अच्छा लगने लगा हूं मन में शरारत उठे लगी है मुझसे एक लड़की बात करने लगी है ।। बात कुछ होगी बताऊंगा मुलाकात होगी बताऊंगा सपनों में फिर से जीने लगा हूं ज़िन्दगी अच्छी लगने लगी है मुझसे एक लड़की बात करने लगी है।।
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