2013 शक्ति मिल गैंगरेप का मामला


https://youtu.be/Lu1iSg13xGo





Horrors Of Shakti Mill

2013 में, मुंबई की शक्ति मिल के खंडहरों में  इंसानियत को शर्मसार किया गया था।
22 अगस्त 2013 को अपने एक साथी के साथ एक महिला फोटो जर्नलिस्ट शक्ति मिल परिसर में कवरेज करने गई थी। दरअसल, महालक्ष्मी इलाके में सालों से बंद पड़ी यह मिल वीरान रहती है। महिला पत्रकार और उसका साथी जब वहां पहुंचे तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए उन्हें फोटो लेने से रोका।
फिर वे महिला पत्रकार और उसके साथी को अंदर ले गए और महिला के साथी को वहीं बांध दिया। उसके बाद उस महिला पत्रकार के साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया। दो घंटे बाद किसी तरह वे दोनों अपनी जान बचाकर वहां से अस्पताल भागे। अस्पताल में डॉक्टरों ने जैसे ही लड़की की हालत देखी सारा मामला समझ गए और पुलिस को सूचना दी। महिला पत्रकार के साथ गैंगरेप होने की खबर से मानो पुलिस भी सन्न रह गई। आनन-फानन में कई टीमें बना कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई। 72 घंटे के भीतर ही पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को दबोच लिया।
पूछताछ के दौरान एक और गैंगरेप का मामला सामने आया। इनमें से तीन आरोपियों ने शक्ति मिल में ही गैंगरेप की एक और वारदात को अंजाम दिया था। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बयान दिया कि वे सभी नियमित रूप से पोर्न फिल्में देखा करते थे और हवस मिटाने के लिए शिकार तलाशा करते थे। इन दोनों गैंगरेप मामले में पुलिस ने गिरफ्तार पांचों आरोपियों के खिलाफ 362 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी। सुनवाई कर रही सत्र अदालत ने बार-बार बलात्कार करने के अपराध के तहत तीनों आरोपियों विजय जाधव (19), कासिम बंगाली (21) और मोहम्मद सलीम अंसारी (28) को फांसी की सजा सुनाई। चौथे दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई। एक के नाबालिग होने की वजह से उसे बालसुधारगृह भेज दिया। गैंगरेप में पहली बार फांसी की सजा सुनाई गई है।
2012 के निर्भया कांड के बाद सबको एसा लगा था कि अब ऐसी हैवानियत फिर कभी नही होगी पर मानव के अंदर के दानव का अंत ही नहीं हो रहा है।
और भी सनसनीखेज खबरों के लिए देखते रहें, कानून और अपराध में दीपा की रिपोर्ट


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