मुंहनोचवा वापस आया


-मुंहनोचवा वापस आया-
श्रीधर राव --


वक्त  रात                                                     एक सुनसान शहर
छोटे शहर की गलियों का सन्नाटा, हर कोई चारदीवारी में सोया पड़ा है, दीवारों पर दायीं तरफ और बायीं तरफ जहां देखो लिखा है।
मुंहनोचवा लौट आया है।
दीवारों पर लाल रंग से त्रिशूल, स्वस्तिक और ओम के निशान बने हैं।
सावधान रहे और सावधान करें
आगे बढ़ते है तभी एक कुत्ता सड़क को दौड़ कर पार करता है।
झाडियों में खरखराहट की आवाज आती है
-रात के समय एक आदमी घर से निकलकर बाहर आता है, उसके चेहरे में खौफ है और वो सड़क को पार करके मूतने के लिए आगे बढ़ता है और दोनों तरफ देखता है। झाड़ियों में बैठ कर जब वो मूत रहा होता है तभी उसे ऐसा लगता है कि पीछे से कोई चीज कुछ चीज फेंक कर तेजी से गुजर गई।  वो हड़बड़ा कर उठ जाता है और उठ कर देखता है तो उसे दिखाई देती है कि कोई गाड़ी गुजर गई जिसकी लाइट दिखाई देती है। वो गाड़ी की तरफ देखते हुए आगे बढ़ रहा है और अचानक उसका पैर रात के अंधेरे में किसी से टकरा जाता है  वो जब नीचे देखता है तो उसके होश उड़ जाते है क्योंकि मुंह नुंची हुए एक साड़ी पहनी औरत की लाश उसके सामने है  डर के मारे आवाज नहीं निकलती । चेहरे का रंग उड़ जाता है चीखने की कोशिश करता है
राजेशशशशशशश और फिर पूरी ताकत से अपने दरवाजे की तरफ दौड़ता है और चीखता है
राजेशशशशशशशशशश

एक छोटे शहर का वातावरण – दूसरा दिन
जगह जगह बैनर लगे है
मुंहनोचवा के प्रकोप से बचने के लिए विशाल चंडी यज्ञ का आयोजन और भंडारा
( गांव की महिला सरपंच  कल्याणी देवी - सोने के आभूषण पहनी है और सिर पर पल्लू किया हुआ फोटो और प्रभावशाली लोगों की तस्वीरें लगी है )
दीवारों पर भी लिखा है,मुंहनोचवा की शांति के लिए विशाल चंडी यज्ञ और भंडारा
दीवार पर दुर्गा देवी की तस्वीरें बनी है  और तभी वहां से धूल उड़ाती हुई एक गाड़ी जा रही है एनाउंसमेंट करते हुए जा रही है
-एनाउंसमेंट चल रहा है
अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर यज्ञ में भाग लें, मुंहनोचवा के प्रकोप से बचने के लिए कल्याणी देवी की तरफ से सरकारी स्कूल में विशाल चंडी यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया है। गांव की 10-12 महिलाएं सिर पर कलश लिए हुए जा रही है।
नागमणि देवी का घर – उसी दिन
नागमणि देवी अखबार पढ़ रही है, दो-चार कुर्सियां लगी और जिसमें भी कल्याणी देवी के यज्ञ की खबर छपी है।
चमचा टाइप का एक शख्स
बड़ी ठकुराइन तो पूरा मेला अकेले लूट रही है छोटी ठकुराइन
नागमणि देवी बातों को गंभीरता से सुनती और सिर हिलाकर चुप रह जाती है
एक और चमचा टाइप का आदमी
ठकुराइन अगर आप कहें तो मुंहनोचवा के प्रसाद में प्रेत का प्रवेश करवा दे, मेला का खेला हो जाएगा?
नागमणि देवी उनकी बातों फिजूल की बात जाहिर करने के लिए व्यंगात्मक हंसी देते हुए सिर को झटक देती है और एक आदमी से कहती  है कि
नागमणि देवी
अरे पंडित इन मूर्खों को बोलों बरतन होगा तो प्रसाद बनेगा ना। जाओं जाकर बरतन में कलई करने वाले को खोज कर लाओ।
पंडित -
छोटी ठकुराइन पहले तो हर दो-चार दिन में दिख जाता था, इधर महीनों से वो नहीं दिखा।

यज्ञ परिसर का एरिया – दूसरे दिन

इंस्पेक्टर विक्रांत यादव बहुत बारीकी से एक औरत के लाश के चेहरे का मुआयना कर रहे हैं, चेहरा नुचा हुआ है और  भीड़ चारों तरफ से उनको घेर कर खड़ी है। भीड़ में अचानकर एक आदमी को कांपते और रोते हुए देखकर ?
इंस्पेक्टर यादव –
सिंह ये आदमी क्यों इस तरह से कांप रहा है
पप्पू सिंह –
सर इसी ने रात को पहली बार लाश  देखा था ..सदमे है
इंस्पेक्टर यादव –
इसका बयान लो, और पता करो सरपंच कल्याणी की य़ज्ञ के दौरान किसी से कोई बहस हुई थी । रात को आखिरी बार उनको किसके साथ देखा गया?
पप्पू सिंह –
सर परिवार के लोगों को लग रहा है कि हो ना हो इसमें छोटी ठकुराइन के परिवार के लोगों का हाथ हो सकता है?
(एक तरफ सरपंच के पति और उसके बेटा अपनी गैंग के साथ  खड़े है और उनके हाथ में राइफल और वो गुस्से से एक किनारे पर खड़े होकर दुख और गुस्से के मिलेजुले भाव में देक रहे  है)

इंस्पेक्टर यादव–
तुम दोनों के घर पर पहरा बढ़ा दो, ध्यान रहे कोई बदले की कार्रवाई ना होने पाये ।
पप्पू सिंह –
जी जनाब
इंस्पेक्टर यादव  -
नीता, फोरेंसिक एक्सपर्ट को बुलाओं और पिछले तीनों मर्डर्स को मिलाकर इसकी एक डिटेल  रिपोर्ट तैयार करो ।
ए एस आई नीता कौर –
जी सर।
जब इंस्पेक्टर अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ रहे हैं तभी उनकी गाड़ी के पास एक बुलेट आकर रूकती है
गाड़ी पर सामने नेम प्लेट की जगह बड़ा सा बोर्ड लगा है
दिनेश शर्मा, संपादक, जन आवाज
बुलेट में रंगीन चश्मा लगाये एक आदमी बैठा है और उसके पीछे एक लड़की बैठी है
गाड़ी यादवजी के पास लगाता है और पूछता है
दिनेश शर्मा
सर क्या रिपोर्ट तैयार करूं?
यादवजी जी कुछ बोले उससे पहले पप्पू सिंह
पप्पू सिंह
आप ही है शर्मा जी जो मुंहनोचवा के नाम पर अखबार बेच रहे है वर्ना पूरा गांव तो डरा हुआ है ।
दिनेश शर्मा –
हम तो पुलिस की मदद ही कर रहे हैं वर्ना जनता तक आप लोगों का संवाद कैसे पहुंचेगा

कल्याणी देवी का घर – दिन का वक्त
मौका है कल्याणी देवी के श्रद्धाजंलि कार्यक्रम का।
यहां उनकी बड़ी सी तस्वीर लगी है और सामने परिवार के लोग बैठे है।
दरवाजे के पास विक्रांत यादव औऱ उनकी टीम भी तैनात है।
तभी वहां गाड़ी से एंट्री होती है नागमणि देवी की और उनके साथ उनके पति भी है।
सफेद साड़ी में चार पांच मुस्टंडों के साथ नागमणि देवी गाड़ी से उतर कर कल्याणी देवी की तस्वीर की ओर बढ़ती है
विक्रांत यादव
– छोटी ठकुराइन आपको यहां नहीं आना चाहिए
नागमणि देवी सिर्फ हाथ उठाकर पुलिस को शांत रहने का इशारा करती है और आगे बढ़ जाती है
जिसे देखकर कल्याणी देवी के लड़के पारा आसमान पर चढ़ जाता है और वो गुस्से से तमतमाकर उठने की कोशिश करता है जैसे उसे मार डालेगा । लेकिन कल्याणी देवी के पति उसकी कंधे पर हाथ रखकर उसे ताकत से बैठने को मजबूर करते हैं ।नागमणि देवी औऱ उनके पति बिना कुछ बोले तस्वीर पर फूल अर्पित करती है मृतका के सरपंच पति की तरफ हाथ जोड़ कर दोनों संवेंदना व्यक्त करने की कोशिश करते हैं ( मृतका का पति और पुत्र दोनों सिर झुकाए हुए हैं )
वातावरण में एक तनाव सा फैल जाता है कि कहीं कोई हिंसा ना हो जाये, पुलिस पूरे वाक्ये को गंभीरता से देख रही है।
कल्याणी देवी के घर के बाहर के सड़क का नजारा –  उसी दिन
नागमणि देवी की गाड़ियों का काफिला शोक समारोह से लौट रहा है और सड़क के बायें तरफ लोगों की भीड़ खड़ी है और दाहिने तरफ पत्रकार दिनेश शर्मा और उनकी महिला सहयोगी रंजना चौधरी खड़े है और जब गाड़ी गुजर रही है तो दिनेश शर्मा और नागमणि देवी की नजरों से बात करते है । दिनेश शर्मा  असहाय से उसको देखता और नागमणि देवी नजरों ही नजरों में मानो कह रही हो की छोड़ूंगी नहीं। बायीं तरफ खड़ी भीड़ में लोग आपस में बात कर रहे हैं
एक आदमी –
लागत है फागुन से पहले यहां खून के होली होये बाली है
दूसरा –
हमार पंचन के रंज में मुंह काला होत और जब बड़े लोगन के रंज होत तो मुंह नोचर जात है ।
उनकी बातों को सुनकर पत्रकार दिनेश शर्मा अपनी अस्टिटेंट रंजना को देखकर चेहरे से उनकी तारीफ भरी  रिएक्शन देता है।
सिंहपुर कोतवाली  उसी दिन

दीवार पर क्लिप बोर्ड पर चार लाशों की  फोटो लगी है  जिसमें तीन मर्द औऱ एक औरत है । चारों के चेहरे गोद दिये गये हैं
पहली फोटो को दिखाते हुए पप्पू सिंह विक्रांत यादव को प्रजेंटेशन देते है और  कहते हैं
पप्पू सिंह –
सबसे पहले मारा गया रामेश्वर प्रसाद, रेलवे का ठेकेदार, लेकिन हकीकत ये है कल्याणी देवी ही असली कांट्रेक्टर थी बस रामेश्वर उनका मोहरा था। इसके रहते नागमणि देवी के परिवार को कभी रेलवे के बड़े ठेके नहीं मिले थे। इसकी लाश की शिनाख्त इसके बेटे राजीव ने की थी ।
विक्रांत यादव सोचता है क्या हुआ होगा
लाश के पास बैठ कर राजीव ने बताया कि
-    कुछ दिन पहले ही नागमणि देवी के गुंडों ने ठेके में रंगदारी का परसेंटेज मांगा था ।  उसी में कम ज्यादा को लेकर बहस हई थी साहब रोते हुए
बाकी हमारी किसी से कोई लड़ाई नहीं हुई थी
सोच से बाहर आता है
पप्पू सिंह – लेकिन ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं था कि नागमणि देवी को हत्या के आरोप में सीधे  गिरफ्तार किया जा सके या उनसे पूछताछ की जा सके क्योंकि किसी ने उनके खिलाफ नामजद शिकायत नहीं की
पप्पू सिंह -
दूसरा नंबर आया पीडब्ल्यूडी ठेकेदार चंद्रिका पांडे, कल्याणी देवी और उनके परिवार का ही वफादार

नीता कौर - सर इसका भी गला किसी बारीक ब्लेड से रेता गया था औऱ चेहरे को उसी ब्लेड से खराब किया गया था। लाश की शिनाख्त करने इसकी पत्नी कुसुम बाई आई थी ।
विक्रांत यादव सोचता है क्या हुआ होगा
बेटा बच्चे तो बाहर पढ़ते थे, अब तो हम लोग सारा सामान समेट कर बच्चों के पास सेटल होने के लिए शहर जाना चाहते थे।
सोच से बाहर आता है


नीता कौर   अब चंद्रिका के घर के बार मकान बिकाउ का बोर्ड लगा है, इस औरत को सोना पहनने का बड़ा शौक था ।
पीआई यादव –
हत्या के बाद इनके तरफ से लूट और चोरी की कोई शिकायत
नीता कौर –
नो सर
पप्पू सिंह –
-    तीसरा नंबर आया एसडीएम ऑफिस के बड़े बाबू जगमोहन का। सुबह दफ्तर जाने से पहले कल्याणी देवी से निर्देश लेता था और शाम आकर पूरी रिपोर्ट बताता था। जिस दिन ये मारा गया उसी दिन इसने नागमणि देवी के आदिवासियों के कब्जे वाली जमीन के कागज प्रेसवालों को चुपके से दिये थे ।
-    विक्रांत यादव –
तो क्या वो खबर अखबार में छपी थी?
-पप्पू सिंह –
खबर तो नहीं छपी लेकिन एक बात तो साफ है जनाब, कल्याणी देवी की जीत के बाद चारों मृतक नागमणि देवी के रेंज में पिछले एक साल से थे।
-    विक्रांत यादव–
तो क्या उसके  नागमणि देवी और उसके घरवाले ही मुंहनोचवा का खेल खेल रहे हैं ।
पप्पी सिंह –
ये तो नहीं पता जनाब , लेकिन गांव के लोग तो कहते हैं मुंहनोचवा नाम से जो यज्ञ हुआ था वो कल्याणी देवी ने नागमणि को सीधे- सीधे चुनौती देने के लिए  किया था।
यज्ञ के नाम पर कल्याणी देवी ने आसपास के इलाके के सारे बाहुबलियों और अधिकारियों को बुलाया था।
विक्रांत यादव –
यज्ञ का वीडियो फुटेज चेक किया कोई खास बात?
पप्पू सिंह –
ज्यादा कुछ खास तो नहीं बस एक जगह कल्याणी देवी पत्रकार को डांटती हुई दिखाई दे रही है,  ये देखिए ..
विक्रांत यादव सोचता है
कैमरा में यज्ञ की कवरेज हो रही है और दूर, अकेले में  कल्याणी देवी पत्रकार को डांटते दिखाई दे रही है ।
सोच से बाहर आता है

विक्रांत यादव –
इस पत्रकार से पूछताछ बराबर रखो ये जरूर कुछ ना कुछ जानता होगा. ये फुटेज दिखाकर क्रॉस एग्जामिन करों।
पप्पू सिंह – जी जनाब
जनआवाज का दफ्तर
पत्रकार दिनेश शर्मा मोबाइल पर अपना फुटेज देख रहे हैं और सामने कुर्सी पर पप्पू सिंह बैठे है और बगल में एक और टेबल रखी है जिसमें उनकी अस्टिटेंट रंजना चौधरी बैठी है ।
पत्रकार दिनेश शर्मा –
सिंह जी मैं यज्ञ के विज्ञापन का पैसा लेना गया था, कल्याणी देवी उसी बात को लेकर बिगड़ गयी थी ।
पप्पू सिंह –
तो फिर पैसा मिला ?
पत्रकार दिनेश शर्मा –
अब क्या मिलेगा सिंह जी जी,  अब तो मेरी हिम्मत नहीं है उस दरवाजे पर जाने की और तो और अब जब विज्ञापन देने वाला ही नहीं रहा तो किसके पास जाएंगे ?
सिंह जी –
और आपकी मुंहनोचवा की खोज कहां तक पहुंची ?
दिनेश शर्मा –
हमें तो लगता है कि ये सब नागमणि के परिवार का ही सारा ये खेल रचा है । अब देखिए ना एक एक करके अपने सारे दुश्मन निपटा दिये।
सिंह जी- हूं,
नागमणि देवी के घर का मुख्यद्वार और सिंहपुर स्टेशन–
नागमणि देवी के घर के बाहर से सादी वर्दी में  सिपाही विक्रांत यादव को फोन लगाता है
सिपाही
-    साहब जल्दी आइये यहां कल्याणी देवी के लड़के ने  हथियारों के साथ  धावा बोल दिया है
( सामने दिख रहा है कि कुछ लोग नागमणि देवी के दरवाजे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं )
विक्रांत यादव(फोन पर)  
मैं जल्द पहुंच रहा हूं तुम बस नजर रखना
सिपाही
-    साहब जल्दी पहुंचिये वरना यहां बहुत खून-खराबा हो जाएगा
-    विक्रांत यादव-
-    मैं बस पांच मिनट में पहुंचा। तुम उन्हे किसी भी कीमत में भीतर मत घुसने देना।
नागमणि देवी का घर के मुख्यद्वार – रात का वक्त
कल्याणी देवी का लड़का सूरजभान नागमणि को ललकार रहा है
हिम्मत है तो निकल घर से बाहर मेरे जीते जी तू कभी सरपंच नहीं बन पायेगी । नागमणि
आज मैं नोचूंगा तेरा मुंह कि दुनिया तेरी शकल देखकर डरेगी।
नागमणि देवी के घर का भीतर –
नागमणि देवी के घर के भीतर –
(तनाव का माहौल और भीतर तक सूरजभान के चीखने की आवाज आ रही है )
एक मुस्टंडा हाथ में राइफल लिए -
-    छोटी ठकुराइन आज एक गोली खोपड़ियां में उतार ही देते ही, इस खानदान का सारा किस्सा ही खत्म ।   ( और आगे बढ़ता है )
-    नागमणि देवी उसे रोकती है और तभी उनके हाथ में फोन बजता है

विक्रांत यादव गाड़ी चला रहे हैं और उनके साथ सिंह जी भी है, - NIGHT
फोन लाइन पर विक्रांत यादव–
नागमणि जी मैं बस पहुंच रहा हूं आप बस थोड़ा धीरज रखिए
नागमणि –
हमने धीरज रखा है तभी तो वो हमारे दरवाजे पर खड़े होकर अभी तक भोंक रहा है
विक्रांत यादव–
बस- बस मैं पहुंच रहा है, आप अपने गुस्से पर काबू रखिए ।

नागमणि देवी के घर की बाहर का दृश्य – रात का वक्त
इंस्पेक्टर यादवऔर पप्पू सिंह गाड़ी से उतरते हैं और सीधे हंगामा मचाते सूरजभान की तरफ सिंह जी दौड़ता है और उससे राइफल छीन लेता है और उसको बांहो में जकड़ कर गाड़ी की ओर खींच कर ले जाता है
सिंह जी
पागल मत बनो सूरजभान
नागमणि देवी को पुलिस जल्द गिरफ्त में लेने वाली है
तुम्हारी एक गलती से सारा खेल बिगड़ जाएगा।
हमें एक बार पक्के सबूत मिल जाये बस
सूरजभान
अरे छोड़ो सिंह जी अगर हम इसको आज नहीं मारे तो कल ये हमको मार देगी

विक्रांत यादव
मुशटंडो को डांटते हुए कहते है कि पांच मिनट में यहां से निकलों वर्ना सब को हवालात में ठूंस दूंगा
कल्याणी देवी का घर –
ठाकुर साहब सामने खड़े और और सूरजभान मुंह झुकाएं खड़ा है और विक्रांत यादवसमझाइश दे रहे है
विक्रांत यादव
ऐसा पागलपन ठीक नहीं है ठाकुर साब
गुस्सा काबू में रखना सिखाइये
आज हमको पहुंचने में देर हो जाती तो आप अपने लड़के से भी हाथ धो बैठते
ठाकुर साब
क्या करें यादवजी गरम खून है
विक्रांत यादव
खून गरम है मतलब क्या आपका लड़का पूरे गांव में सींग निकाल के दौंडेगा क्या?
आज तो मैं छोड़े दे रहा हूं लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा


सिंहपुर पुलिस स्टेशन,
लोगों ने थाने के सामने धरना  दे दिया है और जमकर नारेबाजी हो रही है पप्पू सिंह और  नीता कौर सामने खड़े होकर देख रहे हैं और विक्रांत यादवका इंतजार कर रहे है ।

नारे लग रहे हैं
लोगों के हाथों में तख्तियां है जिस पर लिखा है
कल्याणी देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करों
पुलिस प्रशासन होश में आओ
मुंहनोचवा को खोज के लाओ

इधर पत्रकार दिनेश शर्मा और असिस्टेंट, रंजना चौधरी मोबाइल से ही  पास में खड़े होकर इस पूरे मामले को कवर कर रही हैं।

तभी विक्रांत यादवकी गाड़ी आती है वो उतर कर लोगों के सामने जाते हैं और कहते हैं कि
विक्रांत यादव-
देखिए पुलिस को अपना काम करने दीजिए । आप लोग गांव में शांति रखिए । आप लोगों के सहयोग के बिना हम कातिल को नहीं खोज पाएंगे । हम लोग आपकी सेवा में ही लगे है
भीड़ में एक आदमी चिल्लाता है –
कब तक हमे डर डर जीना होगा
विक्रांत यादव-
– डरने की कोई बात नहीं, पुलिस चप्पे चप्पे पर पहरा दे रही है आप लोग निश्चिंत रहे।
भीड़ में से एक आदमी कहता है -
चलो भाइयों, कुछ दिन और पुलिस को मौका देते हैं, इंस्पेक्टर साहब जल्द कुछ करिए।
और वो निकल जाती है ।
नागमणि देवी का घर –
नागमणि देवी के घर पर उनके पति  जन आवाज पढ़ रहे हैं जिसमें हेडिंग छपी है कि
मुंहनोचवा की खोज पूरी?
कातिल ने रंजिश में ली चार लोगों की जान!
छोटे ठाकुर
नागमणि देवी अपने पति से कहती है कि छोटे ठाकुर साहब जरा पढ़ कर तो सुनाइये दिनेश शर्मा ने क्या खबर छापी है कौन है ये मुंहनोचवा हमें भी तो पता चले?
छोटी ठकुराइन इसमें लिखा है कि पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है रसूख, ताकत और प्रभाव को हासिल करने लिए ही मुंहनोचवा को इलाके में बुलाकर ये कत्ल की साजिश रची गई है। पुलिस को गवाह और सबूत मिलते ही सिंहपुर का मुंह नोचवा जल्द बेनकाब होगा ।
तभी नागमणि देवी कहती हैं कि –
हां अब वक्त आ गया है कि मुंहनोचवा को बेनकाब कर दिया जाय ।
अपने एक मुश्टंडे से वो कहती है कि जरा सिंह जी को फोन तो लगाकर मेरी बात कराओ।

नागमणि देवी
सिंह जी जरा अपने इंस्पेक्टर लेकर हमारी कोठी में आये ।
सिंह जी -
छोटी ठकुराइन वो तो आज कुछ काम से कस्बे से बाहर गये है कल लौटेंगे ।
नागमणि देवी –
ठीक है लौटते ही बोलना मुझसे मिले कुछ जरूरी बात करनी है

शहर के बाहर हाइवे पर सुबह-सुबह – अगले दिन
लोगों की भीड़ लगी है और लोग  लाश को घेर कर खड़े है शहर से लौट रहे विक्रांत यादवभीड़ को देखकर गाड़ी रोक देते है और लाश के पास पहुंचते हैं तो उनके होश उड़ जाते हैं लाश को देखकर उनके मुंह ने निकलता है
विक्रांत यादव–
ओ माई गॉड ये क्या हो गया ?
नागमणि का चेहरा भी गुदा हुआ है और गला रेत दिया गया है और थोड़ी दूर पर उनकी गाड़ी खड़ी है और जिसमें उनके ड्राइवर की लाश पड़ी है।
वो फौरन भीड़ से दूर आकर सिंह जी को फोन लगाते हैं
यादव और नीता की बातचीत–
सिंह जी फौऱन शहर के बाहर वाले मोड़ पर नीता को लेकर पहुंचों यहां पर नागमणि और उसके ड्राइवर को किसी ने मार दिया है ।
सिंह जी –
जनाब मैं रास्ते में हूं । पहुंच रहा हूं। पक्का ये काम सूरजभान ने ही किया होगा ।
विक्रांत यादव–
पहली नजर में मामला रंजिश का ही लगता है लेकिन तुम एक काम करों सूरजभान को उठवाने का इंतजाम करो । ध्यान रखना किसी को कानों कान खबर ना हो
भीड़ में से दिनेश शर्मा निकल कर आते है और विक्रांत यादवको सरप्राइज करते हुए कहते हैं
दिनेश शर्मा
सर कहे दो छाप दू पुश्तैनी रंजिश ने ली नागमणि की जान
विक्रांत यादव–
( डांटते हुए ) आप पुलिस के काम में ज्यादा दखलंदाजी मत करिए शर्मा जी
और विक्रांत यादवकी  नजर दूर खड़ी उनकी अस्टेंट रंजना चौधरी से मिलती है । दोनों एक दूसरे को देखते है ।

पुलिस स्टेशन में
पप्पू सिंह  -
लाशों वाली तस्वीरों के बोर्ड पर नागमणि और उनके ड्राइवर की लाश की तस्वीर टंगाते है
और कहते हैं कि सर लगता है नागमणि और कल्याणी देवी की पॉवर टसल वाली थ्योरी फेल हो रही है
विक्रांत यादव– क्राइम में थ्योरी कभी फेल नहीं होती इसी थ्योरी में से ही क्रिमिनल छन कर बाहर आता है ।
पप्पू सिंह 
सर,  सूरजभान हत्या के बाद से फरार है
नीता कौर तेजी से अंदर आती है
सर अभी अभी पता चला है कि सूरजभान को पास के शहर जैतपुर में  में लगे एक मेले में देखा गया गया है
विक्रांत यादव
सिंह जी देर मत करो, तुरंत निकलो


एक मेले का दृश्य  -

पप्पू सिंह सादे कप़ड़ों में अपनी टीम के साथ है और पूरे मेले में मुआयना कर रहे हैं तभी उनके पास फोन आता है
-    सर वो यहां जलेबी जान का नाच देख रहा है ।
सिंह जी अपने साथियों से कहते हैं कि -
सब एक साथ अंदर घुसेंगे। ध्यान रहे उसे भनक नहीं लगनी चाहिए ।

डांस फ्लोर –
स्टेज पर डांस हो रहा है और लोग जम कर मजा ले रहे हैं सूरजभान भी नशे में झूम रहा है ।
पूरी महफिल मगन है चार पांच पुलिस वाले सादी वर्दी में जाते है और उसको चेहरे पर कपड़ा डाल कर उसे उठा कर लेकर आ जाते हैं और सूरजभान पकड़ छुड़वाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है
बाहर पप्पू सिंह की गाड़ी खड़ी है और उसमें डालकर गाड़ी निकल जाती है सिंहपुर की ओऱ।

एक अज्ञात जगह पर  
एक अज्ञात जगह पर सूरजभान से एक आदमी  पूछताछ कर रहा है। सूरजभान का चेहरा काले कपड़े से ढका हुआ है ।

सिंह जी का आदमी  -
सूरजभान तेरा खेल खत्म हो चुका है  गुनाह कबूल कर लें
सूरजभान –
अरे मैं तो उस  रात से  घर से बाहर हूं
सिंह जी का आदमी –
तू कहां था क्या था मुझे मतलब नहीं है सारी दुनिया जानती है कि तूने ही कल्याणी देवी की मौत का बदला लेने के लिए नागमणि देवी को ठिकाने लगा दिया है
सूरजभान –
अरे मैं बोल रहा हूं ना सिंह जी मैं नागमणि को नहीं मारा
सिंह जी का आदमी
तूने नहीं मारा तो किसने मारा?

सूरजभान
चीखते हुए ….. मैंने नहीं जानता

सिंहपुर पुलिस स्टेशन में –
विक्रांत यादव–
नीता फोरेंसिक रिपोर्ट में कुछ मिला
नीता –
सर गला और चेहरे पर जिस ब्लेड का इस्तेमाल किया गया है वो तो आमतौर पर स्टेशनरी की दुकान में ही मिलता है जिसका इस्तेमाल ज्यदातर पेपर और थर्माकोल को काटने में होता है ।
( नीता वो ब्लेड दिखाती है )
विक्रांत यादव–
यानी की हत्यारा कोई क्रिमिनल नहीं है
नीता –
लगता तो यही है सर,  सर  एक और कॉमन बात ये है कि इनके सभी के कपडों से जो  पीले रंग का बुरादा मिला है जो पीतल का पाउडर है।
विक्रांत यादव–
पीतल का पाउडर
नीता –
जी सर पीतल का पाउडर और ऐसा ही पाउडर हमें नागमणि देवी के गाड़ी में मिला है जो बहुत ज्यादा था सर
विक्रांत यादव–
ये पीतल का क्या चक्कर है?
नीता –
सर नागमणि देवी ने रात आखिरी कॉल सिंह जी को करने के बाद एक और नंबर पर फोन किया था जो नंबर बेनामी है लेकिन हम कोशिश कर रहे हैं उस लोकेशन की ट्रेस करने की क्योंकि वारदात के बाद से वो नंबर बंद है।
सिंहपुर पुलिस स्टेशन में
इधर थाने में नीता और विक्रांत  के बीच बातचीती हो रही है तभी सूरजभान के पिता ठाकुर साहब चीखते हुए दाखिल होते हैं कि
कहां है थानेदार?
ये थाना है कि कामचोरों का अड्डा ?
शोर सुनकर विक्रांत यादवऔर नीता बाहर निकलते हैं
क्या हो गया ठाकुर साब ?
मेरी औरत मर गयी । छोटी ठकुराइन को भी मार दिया अब सुबह से मेरा लड़का भी गायब है
विक्रांत यादव–
( नाटक करते हुए ) आपने पुलिस को ये बात बताई? अब आपने सूचना दी है तो हम खोज निकालेंगे सूरजभान को ।

तभी वहां पत्रकार दिनेश शर्मा और उनकी अंस्टेंट रंजना चौधरी  भी आ गये
ठाकुर साहब –
लीजिए आ गये आपके एक और चहेते, कल तक ये हमारे दरवाजे पर पड़ा रहता था   और अब अपने अखबार में हमें ही मुंहनोचवा बता रहा है ।
विक्रांत  
आप यहां क्या कर रहे हैं पत्रकार एंड कंपनी
दिनेश –
महोदय हम तो यही कन्फर्म करने आये थे कि सूरजभान को पुलिस ने उठा लिया है और उसी ने नागमणि देवी को मारा है
ठाकुर साहब –
देख रहे हैं इस नमक हराम को, इतने पर निकल आये हैं। विज्ञापन का पैसा नहीं मिला है तो अब ऐसे ब्लेकमेल करेंगे ये ?
विक्रांत  
देखिए शर्मा जी हम सूरजभान का पता लगा रहे हैं और आप अपने मन से कुछ भी कहानी  मत छाप दीजिए?

ठाकुर साहब – इंस्पेक्टर साहब शाम तक सूरजभान घर पहुंच जाना चाहिए

विक्रांत यादव– आप इत्मीमान से घर जाये, हम अपने काम में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
नागमणि देवी का घर -
नागमणि देवी के घर पर शोकसभा हो रही है और सारे लोग श्रद्धांजलि दे रहे हैं
नीता कौर घूम घूम कर चुपके से मोबाइल से एक-एक कोने की तस्वीरें खींच रही है
विक्रांत यादव और पप्पू सिंह हर आने जाने वाले लोगों पर नजर रख रहे हैं और
विक्रांत यादव– अपने आदमियों से कहो कि एक एक आदमी पर नजर रखे और जरा सा भी कुछ गड़बड़ लगे तो फौरन इत्तला करे।

गाड़ी में  नीता कौर और विक्रांत यादव जा रहे हैं
नीता –
सर मुझे एक चीज बहुत खटक रही है
विक्रांत  
क्राइम में खटकना अच्छी बात है , खटका यानी कि क्राइम चटका ।
नीता –
सर नागमणि देवी के बगीचे में पीतल के बरतन गलाने वाली भट्टी देखी है मैंने ।
विक्रांत यादव–
इसमें क्या खटका ?
नीता –
सर स्टील के बरतनों का जमाना है अब कोई पीतल के बरतनों का इस्तेमाल नहीं करता
( वो मोबाइल पिक दिखाती है )
नीता –
सर ऐसे ही भट्टी मैंने कल्याणी देवी के घर पर देखी थी ।
विक्रांत यादव–
मतलब ये सारे कत्ले आम पीतल के चक्कर में हो रहा है क्या?
नीता –
हर लाश के पास से पीतल के पाउडर का मिलना और ठाकुरों के घर में पीतल गलाने की  भट्टी कुछ है लिंक है सर ।
विक्रांत यादव–
चलो पीतल के बरतन बेचने वालो से  बात करते हैं
बरतन की दुकान पर
बरतन वाला –
हां मैडम क्या दिखाएं
नीता –
बरतन खरीदने नहीं कुछ काम से आई हूं , सुबह से बरतनों के दुकान का चक्कर लगा लगा कर दिमाग में बरतन ही खड़खड़ा रहे
बरतन वाला
हम बरतन वालों से क्या गुनाह हो गया मैडम?
नीता –
पीतल का पाउडर रखते हो क्या ?
बरतन वाला –
अब कहां कोई बरतन वाला पीतल का पाउडर रखता है अब तो कोई अपने बरतन रंगाने भी नहीं आता
नीता –
तो पुराना कुछ स्टाक नहीं पड़ा है
बरतन वाला –
तीन चार महीने पहले चार पांच किलो पड़ा था पता नहीं एक औरत आई थी वो खरीद कर ले गई ।
नीता – कौन थी वो औरत ?
बरतन वाला –
पता नहीं कौन थी उससे पहले कभी नहीं देखे थे । हां हमारा कबाड़ साफ हो गया।
नीता – चेहरा याद है
बरतनवाला – देखेंगे तो पहचान लेंगे
नीता – देखो तुम्हें थाने आकर उसका हुलिया बताना होगा।
सिंहपुर पुलिस स्टेशन
सिंह जी –
जनाब, एक दिलचस्प बात चली है और वो ये हैं कि मृतकों के पास जिस नंबर से आखिरी बार फोन आया था उस नंबर का लोकेशन  कासगंज मोहल्ले का है
यादवजी –
कासगंज मोहल्ला । ये तो शहर के बीचों बीच है ।
सिंह जी –
जी सर
सिंह जी –
पता करो कासगंज मोहल्ले का क्या कनेक्शन है  नागमणि देवी और कल्याणी देवी से ।
सिंह जी –
सर ये तो अभी पता चल जाएगा
यादवजी –
कैसे?
सिंह जी –
पत्रकार दिनेश शर्मा का प्रेस भी तो कासगंज मोहल्ले में ही है सर
यादवजी  
 ये पत्रकार मुझे कुछ ज्यादा भरोसेवाला नहीं लगता । लेकिन ध्यान से । कहीं वो फिर से कोई उल्टी सीधी कहानी ना छाप दे ।
सिंह जी – जी जनाब

कासगंज मोहल्ले में जन आवाज का दफ्तर –
जन आवाज दफ्तर का बोर्ड दिखाये
पुलिस का गाड़ी बाहर खड़ी है और पत्रकार दिनेश शर्मा की बूलेट भी बाहर खड़ी है
दफ्तर के अंदर दिनेश शर्मा और उनके सामने बैठे है पप्पू सिंह और बगल वाली टेबल पर रंजना चौधरी बैठ कर कुछ लिख रही है
पप्पू सिंह अंदर चलकर आ रहे हैं और पूछते है –
शर्मा जी क्या है आज की ताजा खबर
शर्मा – अरे वाह आइये सिंह जी जी बैठिये बैठिये
पप्पू सिंह –
अरे शर्मा जी मुंहनोचवा को दबोचने के लिए ऊपर से बहुत प्रेशर है
शर्मा –
होगा ही सिंह जी जी पूरा गांव डरा हुआ है
पप्पू सिंह –
अब आपको हमारी कुछ मदद करनी होगी
शर्मा –
आप हुकुम करिए
पप्पू सिंह –
जरा पता तो करिए कि कासगंज में वो कौन है जो इन सभी मृतकों से बराबर कनेक्शन में था।
जैसे ही सिंह जी ये बात कहता है रंजना चौधरी का बदन अचानक तन जाता है और वो दिनेश शर्मा की तरफ देखती है और
और दिनेश शर्मा भी रंजना चौधरी की तरफ खुद को देखने से नहीं रोक पाता
और पप्पू सिंह दोनों के आई कांटेक्ट को देख लेता है
और फिर दिनेश शर्मा खुद को संभालते हुए, लेकिन अपनी घबराबट नहीं छुपा पाता ।
दिनेश शर्मा – जजजजररूररर ।
सिंह जी –
लगता है आप कुछ जानते है
दिनेश शर्मा –
(नारमल होकर ) हमारे लिए जानना कौन सी बड़ी बात है आज ही से लग जाते है इस मिशन पर ।


सिंहपुर पुलिस स्टेशन –
बरतन वाला एक स्केच आर्टिस्ट के सामने बैठ कर उस औरत का हुलिया बता रहा है
( हुलिया ऐसे बनाये जैसे रंजना चौधरी का सेलेक्ट किया हो )
नीता कौर –
ताम्रकारजी अच्छे से याद करके बनवाइयेगा

थोड़ी देर में जब स्केच बन जाता है वो दौड़ कर यादवजी के कमरे में जाती है और कहती है सर ये चेहरा तो रंजना चौधरी से मिल रहा है
विक्रांत यादव–
कौन रंजना, दिनेश शर्मा की असिस्टेंट
नीता – जी सर
विक्रांत  
फौरन चलो दिनेश शर्मा के ऑफिस, इससे पहले वो लोग अलर्ट हो जाये
नीता क्यों सर?
विक्रांत यादव–
सिंह जी, फोन लोकशन की पड़ताल करने दिनेश के दफ्तर गया है

शहर की सड़क का दृश्य – दिन
इधर पुलिस की गाड़ी दौड़ रही है तेजी से  कांसगंज
और उधर से सिंह जी वापस लौट रहे है
सिंह जी भी अपनी गाड़ी पुलिस की गाड़ी के पीछे लगा लेते है
गाड़ी दौड़ पड़ती है
जनआवाज दफ्तर, कांसगज –
विक्रांत  और नीता अपनी टीम के साथ जैसे ही
जैसे ही दिनेश शर्मा के दफ्तर में पहुंचते हैं कुर्सी पर दिनेश शर्मा का  मुंहनुचा है और गला रेत दिया
विक्रांत यादव
ओ माई गॉड
पीछे से सिंह जी भी पहुंच जाता है
खून से लथपथ दिनेश शर्मा तड़प रहा है और हाथ उठा कर इशारा करता है कमरे की तरफ
सिंह जी और नीता दौड़ पड़ते है
वो देखते है कि रंजना चौधरी भाग रही है
नीता और सिंह जी उसकी पीछे भागते है
सिंह जी एक बड़ा सा लठ्ट उठा कर रंजना पर फेंकते है
जैसे ही वो गिरती है नीता दौड़ पर उस पर चढ़ जाती है । और कहती है
तेरा खेल खत्म हुआ पीतल वाली। अब तो तू सोना उगलेगी ।

सिंहपुर थाना
क्रॉस एग्जामिन का मौका है  एक तरफ मृतकों के परिवार लोग बैठे है
जिसमें राजीव, रेलवे कांट्रेक्टर रामेश्वर की लड़का है
जगमोहन का भाई चंद्रमोहन,चंद्रिका पांडे की पत्नी ऱाधा,नागमणि देवी के पति छोटे ठाकुर
और सूरजभान के चेहरे से काला कपड़ा हटाते हुए विक्रांत यादवकहते है अरे भई सूरजभान जरा चांद तो देख लो सामने बैठी है रंजना चौधरी।
बीच में एक टेबल पर गहनों का अंबार लगा है और छोटी छोटी थैलिया में पीला पीतल का पाउडर
तभी कल्याणी देवी के पति बड़े ठाकुर साहब भी दाखिल होते है
आइये ठाकुर साहब आप ही की कमी थी, साथ में पीतल का पाउडर लेते आते

ठाकुर साहब –
ये सब क्या चल रहा है और कौन है ये सब लोग, कहां से मिला सूरजभान
पप्पू सिंह 
ज्यादा भोला बनने का कोई फायदा नहीं है  ठाकुर साहब रंजना ने जुर्म कबूल कर लिया है ।  सबने अपना पीतल का पाउडर जमा करा दिया ।  आपके सामने रखे जो गहने है वो हमने रंजना के घर से बरामद किया है । इसमें कल्याणी देवी के भी गहने है ।

ठाकुर साहब –
( अचानत रोते और माथा पीटने लगने है ) हमारी मति मारी गई थी यादवजीजी ।

दिनेश इस लड़की को हमारे घर लेकर आया था। कह रहा था अकेली और अभागी है  और मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा था,  कह रहा था गहना दे दीजिए बदले में इसके पुरखों का दोगुना सोने का पाउडर इससे ले लीजिए । किसी को पता चला तो बेचारी मारी जाएगी ।
विक्रांत यादव सोचता है
रंजना एक पैकेज निकालती है उसमें से कुछ पाउडर को वो लकड़ी के चौकोर गुटके पर गिराती है और चिमनी और फुंकनी का ( सोनार लोग के पास होता है ) इस्तेमाल कर पाउडर को सोने की धातु में गला देती है ।
दिनेश शर्मा –
24 कैरेट प्योर गोल्ड है बड़ी ठकुराइन चेक करा लीजिए
सोच से बाहर आता है
लेकिन जब हमें पता चला तब तक देर हो चुकी थी क्योंकि मुंहनोचवा ने नाम पर य़ज्ञ करवाने का आइडिया भी दिनेश और रंजना ने हमे दिया था । जब हम ठगे गये तभी हमने दिनेश और रंजना को ठिकाने की योजना बना ली थी । और यज्ञवाले दिन कल्याणी देवी की दिनेश को धमकी भी दी थी । और उसी रात को   किसी ने कल्याणी देवी का कत्ल कर दिया ।
विक्रांत यादव–
और आपने सोचा कि छोटी ठकुराइन के घरवालों ने किया होगा?
छोटे ठाकुर -
यादवजी जी नागमणि देवी को आपको बताने ही वाले थी उसने  सिंह जी को फोन भी किया था
पप्पू सिंह
इस बात की भनक दिनेश और रंजना को लग गई। दिनेश ने पीतल का पाउडर लेकर फिर नागमणि देवी को अकेले में मिलने के लिए राजी कर लिया और असली सोने का पाउडर देने की वादा कर शहर के बाहर बुला लिया । और आपने भी दोगुने सोने के लालच में आकर नागमणि की जिंदगी खतरे में डाल दी और और बदनामी के डर से पुलिस से सच छुपा लिया ।
नीता कौर –
रंजना के चेहरे पर तमाचा मारते हुए
औऱ इस मैडम के मुंह से बोल नहीं फूट रहे , भोली बन कर पूरे यूपी में खून की होली खेलती फिर रही है।


पीआई - विक्रांत यादव
– कुछ समझे ठग कितना शातिर होता है? वो आपकी कमजोरी से खेलता है? उसने ऐसे लोगों को चूना लगाया जिनके पास काली कमाई है और ये लोग समाज में रसूख और रूतबा रखते है। मान- अपमान से बचने के लिए ये लोग पुलिस से बचते रहे और रंजना चौधरी जैसे शातिर ठग इसी का फायदा उठा कर  अपना काम आसानी से करते रहे । जिंदगी में लालच करेंगे तो जान, शान और सुकून सब गंवा बैठे। अगर आपने भीतर के मुंह नोचवा को नहीं मारा तो बाहर तका बैठा मुंह नोचवा , तैयार है आपको नोंचने के लिए ।
समाप्त
आगे भी पढ़ते रहिये इस्पेक्टर विक्रांत यादव ने कैसे किये और खुलासे ....
कानून और अपराध के लिये श्रीधर ...




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